दिल्ली स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आगे कहा, कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी हैं। जहां कम मामले हैं थोड़े दिनों में उनका नंबर आएगा। दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है। जहां तक कोरोना वायरस की टेस्टिंग की बात है तो हम आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों में बंधे हुए हैं। जो उन्होंने शर्तें लगा रखी हैं पूरे देश में उन्हीं के टेस्ट हो सकते हैं। आप ICMR से, केंद्र सरकार से कहिए कि उसको खोल दे जो भी चाहे जा कर टेस्ट करा ले।नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार और केंद्र एक बार फिर आमने सामने है, महामारी संकट के बीच और दोनों प्रशासन में कोरोना टेस्टिंग को लेकर बहस छिड़ गई है। शनिवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने राजधानी में कोविड-19 की कम टेस्टिंग के लिए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की गाइडलाइंस को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा, हम दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं कर सकते, आईसीएमआर से कहिए अपने गाइडलाइंस में बदलाव करे।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने आगे कहा, कोरोना वायरस के मामले पूरे देश में भी हैं और दिल्ली में भी हैं। जहां कम मामले हैं थोड़े दिनों में उनका नंबर आएगा। दिल्ली कोरोना वायरस के मामलों में मुंबई से 10-12 दिन पीछे चल रही है। जहां तक कोरोना वायरस की टेस्टिंग की बात है तो हम आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों में बंधे हुए हैं। जो उन्होंने शर्तें लगा रखी हैं पूरे देश में उन्हीं के टेस्ट हो सकते हैं। आप ICMR से, केंद्र सरकार से कहिए कि उसको खोल दे जो भी चाहे जा कर टेस्ट करा ले।
दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल में खराब स्थिति को दिखाते वायरल हुए वीडियो पर सफाई देते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा, जिन्होंने वीडियो बनाया था वह कॉन्ट्रैट कर्मचारी थे उन्हें ऐसा करने के लिए किसी उद्देश्य के लिए प्रेरित किया गया था, फिलहाल उन्हें निलंबित कर दिया गया है। उधर, आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने भी केंद्र पर हमला बोला है।
संजय सिंह ने कहा, ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग बढ़ाने के लिए इस समय सबसे जरूरी है कि ICMR की गाइडलाइन्स की जो बाध्यता है वो खत्म की जाए। मैंने स्वास्थ्य मंत्री जी को पत्र लिखकर गाइडलाइन्स बदलने की अपील की है। ताकि जिन भी लोगों को कोरोना होने की आशंका है वो सब अपना टेस्ट करवा सकें। उन्होंने आगे कहा कि सभी लैब्स को लाइसेंस और सभी राज्यों को टेस्टिंग किट्स केंद्र सरकार दे।जब तक लोगों को पता नहीं चलेगा कि वे संक्रमित हैं या नहीं वो इस बीमारी से बचने के लिए जरूरी चिकित्सीय उपचार नहीं लेंगे।इससे आने वाले समय में मृत्यु के आंकड़े बढ़ सकते हैं और स्थितियां भयावह हो सकती हैं।