उज्जैन : महाकाल मंदिर में रोजाना तड़के चार बजे होने वाली भस्मारती के दर्शन के लिए फिलहाल अनुमति जारी नहीं होगी। मंदिर प्रबंध समिति इस पर महाशिवरात्रि (11 मार्च) के बाद निर्णय लेगी। गर्भगृह में भी प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। यह निर्णय मंगलवार को प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया। बता दें कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए 17 मार्च 2020 से भस्मारती दर्शन अनुमति पर रोक लगाई थी। स्थितियां सामान्य होने के बाद कुछ दिनों से लगातार मांग उठ रही थी कि दर्शन अनुमति फिर से दी जाए।
कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण पर काबू जरूर पाया गया है, मगर अब भी सावधानी रखने की आवश्यकता है। भस्मारती में 1700 लोगों को अनुमति दी जाती है। नंदीहाल, गणेश मंडपम, कार्तिकेय मंडपम में भक्तों दो घंटे तक बैठकर भस्मारती दर्शन करते हैं। यहां शारीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो पाएगा और संक्रमण का खतरा बना रहेगा। इसलिए फिलहाल इस पर रोक बरकरार रहेगी। कलेक्टर ने बताया कि महाशिवरात्रि के बाद इस पर निर्णय लिया जाएगा। साथ ही गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
मंदिर क्षेत्र विकास पर भी चर्चा : मंदिर समिति की बैठक में महाकाल मंदिर क्षेत्र के विकास कार्यों पर भी चर्चा हुई। मंदिर के आगे रोड को चौड़ा करने और इसके लिए भूअर्जन करने पर भी मंथन हुआ। अगले कुछ दिनों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के प्रस्तावित दौरा भी है। ऐसे में अधिकारियों ने महाकाल मंदिर से जुड़े विकास कार्यों का लेखाजोखा भी तैयार किया है।