नई दिल्ली : कश्मीर में सेना से मुठभेड़ के दौरान ढेर हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को पाकिस्तान ने भारी दबाव में आकर ‘शहीद’ बताया था। पाकिस्तान के पूर्व विदेश सचिव रियाज हुसैन खोखर ने चीन की राजधानी बीजिंग में ये बातें कही।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक खोखर ने शनिवार को कहा कि कश्मीर घाटी में मारे गए आतंकी की याद में 19 जुलाई को काला दिवस मनाने से जुड़े पाकिस्तान के फैसले के पीछे भी दबाव की राजनीति ही काम कर रही थी।
उन्होंने कहा कि शुरुआत में इस घटना पर हमारी प्रतिक्रिया सधी हुई थी। वहीं बाद में पाकिस्तान की मीडिया और लोगों के दबाव को देखते हुए सरकार को अपना रुख बदलना पड़ा। मामले से लोगों का इमोशनल जुड़ाव होने लगा था।
उन्होंने कहा कि हमें हालात को हाथ से बाहर कतई नहीं जाने देना होगा। वैसे यह सारा कुछ भारत के स्टैंड पर निर्भर है कि वह मामले से कैसे निपटता है। पाकिस्तान भारत के इस हालात खेलना नहीं चाहता, लेकिन हमारे पास मामले को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नोटिस में लाने की बाध्यता है।
खोखर ने भी आखिर में मामले को भावनात्मक रवैया देने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तरफ का हर कश्मीरी बुरहान वानी को शहीद मानता है।
गौरतलब है कि भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ के दौरान हिजबुल कमांडर बुरहान वानी ढेर हो गया। कश्मीर के पढ़े-लिखे नौजवानों को वह कश्मीर की आजादी के नाम पर आतंकी गतिविधियों से जोड़ने और समर्थन जुटाने का काम करता था।
बुरहान के मारे जाने के बाद कश्मीर में विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कई लोगों की जान जा चुकी है. वहीं दो सौ से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।