नई दिल्लीः देश के नए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपना कार्यभार ग्रहण करने के बाद दूसरे ही दिन सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सियाचिन ग्लेशियर पर जवानों का हौसला अफजाई करने पहुंचे। इस दौरे पर उनके साथ सेना प्रमुख बिपिन रावत भी हैं।
सियाचिन में राजनाथ सिंह कई अधिकारियों के साथ ही फील्ड कमांडरों और जवानों से भी मुलाकात करेंगे। बॉर्डर पर चल रही तैयारियों का जायजा लेने के बाद वो श्रीनगर भी जाएंगे। इस दौरान जम्मू कश्मीर में आतंकवाद निरोधक अभियान के साथ ही पाकिस्तान से लगी सीमाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। राजनाथ सिंह ने ट्वीट कर अपने इस दौरे के बारे में जानकारी दी कि वो दिल्ली से सियाचिन के एक दिवसीय दौरे के लिए रवाना हो रहे हैं।
मालूम हो कि सियाचिन ग्लेशियर दुनिया का सबसे ऊंचा सैन्य क्षेत्र है। यह हिमालय के पूर्वी काराकोरम पर्वत श्रंखला में स्थित है, जहां भारत और पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा समाप्त होती है। इसे दुनिया का सबसे खतरनाक युद्ध क्षेत्र माना जाता है। इतनी उंचाई पर होने के कारण यहां तैनात जवानों को आम दिनों में भी तेज बर्फिली हवाओं का सामना करना पड़ता है। यहां का तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस नीचे तक चला जाता है, और भूस्खलन और हिमस्खलन आम बात हो जाती है।
1984 में सियाचिन ग्लेशियर पर पाकिस्तानी सेना को हरा कर चोटी पर कब्जा करने के लिए ऑपरेशन मेघदूत लॉन्च किया गया था। यहां तब से ही भारतीय सेना का नियंत्रण है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में लखनऊ लोकसभा सीट से जीत हासिल करने के बाद राजनाथ सिंह को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे मंत्रीमंडल में रक्षा मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी गई है। रक्षा मंत्री बनने के बाद राजनाथ पहली बार जम्मू कश्मीर के आधिकारिक दौरे पर हैं।