नई दिल्ली – किरन बेदी के बीजेपी के सीएम कैंडिडेट बनने की अटकलों के बीच पार्टी के सीनियर नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सीएम कैंडिडेट की दौड़ में शामिल माने जा रहे जगदीश मुखी ने कहा है कि बेदी को पार्टी में लाने से पहले स्टेट यूनिट से ज्यादा बात नहीं की गई थी। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली से पार्टी सांसद मनोज तिवारी ने तो कहा है कि किरन बेदी को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया जाना चाहिए। डॉ. हर्षवर्धन भी किरन के रवैये खुश नजर नहीं आ रहे।
भले ही बीजेपी ने अभी तक किरन बेदी को सीएम कैंडिडेट घोषित न किया हो लेकिन उन्होंने सीएम कैंडिडेट की तरह व्यवहार करना शुरू कर दिया है। इस बात से बीजेपी के सीनियर नेता अपसेट नजर आ रहे हैं। उन्हें लग रहा है कि पार्टी में उनकी अहमियत कम हो रही है। दरसअल किरन बेदी के बीजेपी जॉइन करने के बाद से ही बीजेपी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
भले ही बीजेपी के नेता खुलकर न बोल रहे हों, लेकिन दबी जुबान से अपनी नाराजगी जरूर जाहिर कर रहे हैं। बेदी को बीजेपी में लाने पर पार्टी के सीनियर नेता जगदीश मुखी ने कहा, ‘ऊपर के लेवल पर इस बारे में चर्चा हुई होगी लेकिन स्टेट यूनिट से ज्यादा बात नहीं की गई। अब प्राथमिकताएं बहुत अलग हैं। अब लक्ष्य है कि 10 करोड़ लोगों को पार्टी से जोड़ा जाए और इसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बनाया जाए। कोई भी इसे जॉइन कर सकता है। कोई किसी को नहीं रोक सकता। राय-मशविरा करने का तो कोई सवाल ही नहीं है।’
मुखी ने कहा, ‘मैं आरएसएस का सिपाही हूं और मिशन के लिए काम करता हूं। अगर लीडरशिप को लगता है कि इससे (किरन बेदी को पार्टी में लाने से) मिशन को हासिल करने में मदद मिलेगी तो ठीक है। मगर अभी तक उन्हें सीएम कैंडिडेट नहीं बनाया गया है। हो सकता है कि उन्हें कैंपेन कमिटी का चीफ बनाया जाए।’
मीडिया से बातचीत में किरन बेदी इस तरह की भाषा इस्तेमाल कर रही हैं, जैसे उन्हें सीएम कैंडिडेट के लिए हां कर दी गई हो। स्वागत समारोह हो या किसी भी सवाल का जवाब, उन्होंने यह कहना शुरू कर दिया है कि जब वह मुख्यमंत्री बनेंगी तो उनकी क्या-क्या योजनाएं होंगी। बेदी के बीजेपी में शामिल होने से सीएम की दावेदारी ठोक रहे नेता तो पहले से ही परेशान हैं, अब बीजेपी के अन्य नेताओं की भी हवाइयां उड़ी हुई हैं। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली से बीजेपी के सांसद मनोज तिवारी ने तो खुलेआम नाराजगी जाहिर कर दी है। मनोज तिवारी ने कहा, ‘किरन बेदी को सीएम कैंडिडेट नहीं बनाना चाहिए, हालांकि यह तय करना पार्टी का काम है।’ जब उनसे पूछा गया कि किरन बेदी द्वारा दिल्ली के सांसदों को चाय पर बुलाया था तो आप क्यों नहीं पहुंचे, मनोज ने कहा कि मैं वहां जाना उचित नहीं समझता।
रविवार को बेदी ने दिल्ली के सभी सांसदों की भी मीटिंग अपने घर पर बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक सांसदों को मीटिंग के लिए बीजेपी ऑफिस से बाकायदा सूचना दी गई थी। इस मीटिंग में चांदनी चौक से सांसद और केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन देर से पहुंचे। जब तक वह पहुंचे, तब तक किरन बेदी वहां से जा चुकी थीं। डॉ. हर्षवर्धन का कहना था कि उन्होंने लेट आने की सूचना दी थी। बाद में उन्होंने बात संभालते हुए कहा कि फोन पर किरन के साथ उनकी बात हो गई है।
इस मामले में कोई भी सांसद खुलकर कुछ नहीं बोल रहा, लेकिन सफाई यह दी जा रही है कि बेदी को अलग-अलग सांसदों से मीटिंग करने में काफी समय लग जाता इसलिए एक ही जगह सब सांसदों की मीटिंग बुला ली गई। गौरतलब है कि किरन बेदी ने शनिवार को तीनों मेयर्स को भी अपने घर पर बुलाकर उनसे मीटिंग की थी। अगर प्रोटोकॉल के हिसाब से भी देखा जाए तो मेयर्स को इस तरह से अपने घर बुलाना ठीक नहीं है। इससे पहले प्रदेश बीजेपी की ओर से किरन बेदी का स्वागत समारोह रखा गया था। उस समारोह में भी कई बीजेपी नेताओं को चुप करा दिया गया था, जिससे वे नाराज हैं।