नई दिल्लीः उत्तर भारत में इस समय प्रदूषण एक अहम मुद्दा बना हुआ है। खासतौर से दिल्ली-एनसीआर में जिस तरह से जहरीली हवा का कहर लगातार जारी है उस पर राजनीति और तेज हो गई है।
सोमवार को इसे लेकर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और सीएम केजरीवाल आमने-सामने आ गए। इस मुद्दे पर जब केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से बात की गई तो उन्होंने दिल्ली सरकार की नीतियों को प्रदूषण के लिए जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने कहा कि सीपीसीबी जो एडवाइजरी जारी कर रही है क्या दिल्ली सरकार उसे लागू करवा रही है। दिल्ली सरकार ने सिर्फ विज्ञापन पर 1500 करोड़ रुपये खर्च कर दिए लेकिन कोई पुख्ता कदम नहीं उठा रही है। जावड़ेकर के इस बयान के बारे में जब सीएम केजरीवाल से पूछा गया तो उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हमने विज्ञापन पर खर्च किया तो क्या गलत किया। हमने लोगों को विज्ञापन के जरिए जागरूक किया, क्या हमें ये नहीं करना चाहिए था? वह आगे बोले कि दिल्ली सरकार का विज्ञापन का कुल बजट 150 करोड़ रुपये है, उसमें से भी अभी पैसे बचे हुए हैं।
दिल्ली सरकार ने जिस तरह से डेंगू की रोकथाम के लिए उसके खिलाफ मुहिम चलाई और विज्ञापन के जरिए लोगों को जागरूक किया वह दुनिया में अपनी तरह का डेंगू के खिलाफ अनोखा अभियान था। हमने प्रदूषण कम करने के लिए सम-विषम योजना का विज्ञापन किया। क्या हमें ये विज्ञापन नहीं करना चाहिए था?
उन्होेंने पूछा कि आखिर लोगों को जागरूक करने के लिए विज्ञापन करने में क्या बुराई है? वह आगे बोले कि केंद्र सरकार को दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में प्रदूषण कम करने के लिए जो कदम उठाने चाहिए थे वो तो उन्होंने नहीं उठाया अब इस पर राजनीति कर रहे हैं।
हवा चलने से प्रदूषण का स्तर थोड़ा गिरा, लेकिन वायु गुणवत्ता अब भी बेहद गंभीर
राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार को हवा की गति में मामूली वृद्धि होने से प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आई है लेकिन वायु गुणवत्ता अब भी बेहद गंभीर की श्रेणी में बनी हुई है। सुबह चार बज कर 38 मिनट पर दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 438 रहा, वहीं अलीपुर, नरेला और बवाना में एक्यूआई क्रमश: 493, 486 और 472 रहा।
रविवार को दिल्ली का औसत एक्यूआई 494 रहा। यह छह नवंबर 2016 के बाद से सर्वाधिक है। उस वक्त एक्यूआई 497 था।
एक्यूआई 0-50 के बीच ‘अच्छा’, 51-100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101-200 के बीच ‘मध्यम’, 201-300 के बीच ‘खराब’, 301-400 के बीच ‘अत्यंत खराब’, 401-500 के बीच ‘गंभीर’ और 500 के पार ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में एक्यूआई फरीदाबाद में 426, नोएडा में 452, गाजियाबाद में 474, ग्रेटर नोएडा में 454 और गुड़गांव में 396 रहा। दिल्ली के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्रों में से 21 में एक्यूआई 490 से 500 के बीच दर्ज किया गया। आया नगर, अशोक विहार, आनंद विहार और अरविंदो मार्ग में शाम सात बजे वायु गुणवत्ता सर्वाधिक खराब दर्ज की गई।