नई दिल्ली– देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार, उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्या के बाद आज गिलानी को भी रिहा कर दिया गया ! जेएनयू परिसर में 9 फरवरी को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर एक कार्यक्रम के आयोजन और देशद्रोही नारे लगाने के आरोप में 10 फरवरी से जेल में बंद दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर एस. ए. आर. गिलानी को दिल्ली पटियाला हाउस कोर्ट के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दीपक गर्ग ने 50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दी।
अपनी याचिका में गिलानी ने कहा था कि वह 16 फरवरी के बाद से ही न्यायिक हिरासत में हैं और आगे उन्हें जेल में रखने से कोई सार्थक उद्देश्य पूरा नहीं होता। उन्होंने कहा कि जांच में उन्होंने पूरा सहयोग दिया है और उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि देशद्रोह के आरोपों के तहत गिरफ्तार गिलानी ने प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम में जो कहा वह काफी पीड़ादायक और कथित तौर पर देश के खिलाफ था।
इससे पहले, 19 फरवरी को दिल्ली की एक कोर्ट ने गिलानी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 16 फरवरी को गिरफ्तार किए गए गिलानी पर पुलिस ने आरोप लगाया था कि सरकार के खिलाफ नफरत पैदा किया जा रहा है। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि 10 फरवरी को एक समारोह आयोजित किया गया था। इसमें अफजल गुरु और मकबूल भट्ट को शहीदों के रूप में दर्शाने वाले बैनर लगाए गए थे।