Farmers Protest :दिल्ली में लगभग दो महीने से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे किसानों ने मंगलवार को उग्र रूप धारण कर लिया। ट्रैक्टर परेड के लिए दिल्ली पुलिस से मिली मंजूरी के उलट किसानों ने सुबह ही दिल्ली की कई सीमाओं पर बैरिकेड तोड़कर राजधानी में उत्पात मचाना शुरू कर दिया।
जिस समय राजपथ पर देश की आन, बान और शान का प्रदर्शन चल रहा था ठीक उसी समय किसानों ने भी घमासान शुरू कर दिया। दोपहर 2 बजे तक किसान लाल किले की प्राचीर तक पहुंच गए और वहां उस जगह अपने झंडे लहरा दिए जहां हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते हैं।
कहीं ट्रैक्टर से बैरिकेट तोड़ दिए गए, कहीं रास्ते में खड़े किए गए बसों को पलट दिया गया तो कहीं पुलिस पर तलवार से हमला कर दिया गया।
पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे तो कुछ जगहों पर हल्का लाठीचार्ज किया गया। पुलिस ने मंगलवार को लगभग 90 मिनट तक चली अफरातफरी के बाद प्रदर्शनकारी किसानों को लालकिला परिसर से हटा दिया।
किसान अपनी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर इस ऐतिहासिक स्मारक तक पहुंच गए थे जहां उन्होंने अपने झंडे लगा दिए। बाद में, पुलिस ने लालकिला परिसर को खाली कराने के लिए लाठीचार्ज किया। इससे पहले लगातार उद्घोषणा की जा रही थी कि प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण तरीके से लालकिले से हट जाएं।
इससे पहले, प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर परेड के निर्धारित मार्ग से हटकर आईटीओ पहुंच गए। जब उन्होंने वहां से लुटियंस क्षेत्र की ओर बढ़ने की कोशिश की तो पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। किसानों ने ट्रैक्टर परेड के निर्धारित समय से काफी पहले ही दिल्ली के भीतर बढ़ना शुरू कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान संगठनों को इस शर्त के साथ ट्रैक्टर परेड की अनुमति दी थी कि वे राजपथ पर गणतंत्र दिवस परेड के समाप्त होने के बाद निर्धारित मार्गों से ही अपनी रैली निकालेंगे।
इस बीच, किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा में शामिल लोगों से मंगलवार को खुद को अलग कर लिया और आरोप लगाया कि कुछ “असामाजिक तत्वों ने घुसपैठ कर ली है, अन्यथा आंदोलन शांतिपूर्ण था। “संघ ने “अवांछित “और “अस्वीकार्य” घटनाओं की निंदा की है और खेद जताया है।
कुछ किसान समूहों द्वारा पहले से तय रास्ता बदलने के बाद परेड हिंसक हो गई है। संयुक्त किसान मोर्चा में किसानों के 41 संघ हैं। वह दिल्ली की कई सीमाओं पर केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की अगुवाई कर रहा है
3 कृषि कानूनों के खिलाफ मंगलवार को आयोजित ट्रैक्टर परेड के दौरान दिल्ली के आईटीओ पर ट्रैक्टर पलटने से उसमें सवार एक किसान की मौत हो गई। पुलिस ने बताया कि मृतक किसान से जुड़ी जानकारियां जुटाई जा रही हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि व्यक्ति की मौत उस समय हुई जब उसका ट्रैक्टर पलट गया।
उन्होंने बताया कि वह पूर्व निर्धारित मार्ग को छोड़कर गाजीपुर बॉर्डर के रास्ते दाखिल हुए प्रदर्शनकारी किसानों के साथ आया था। पुलिस ने बताया कि परेड में शामिल व्यक्ति ट्रैक्टर चला रहा था और ट्रैक्टर पलटने पर वह उसके नीचे दब गया। पुलिस ने बताया कि किसानों ने शव को तिरंगे में लपेट कर आईटीओ क्रॉसिंग पर रखा है और पुलिस को शव पोस्टमॉर्टम के लिए नहीं ले जाने दे रहे हैं। किसानों ने वहां मौजूद मीडिया कर्मियों पर भी हमला किया।
किसान नेता हिंसा और तोड़फोड़ के बीच अब अपना पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्पात मचाने वालों से खुद को अलग करते हुए घटना की निंद की है। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने पहले तो हिंसा की जानकारी होने से इनकार किया और फिर आरोप लगाया कि राजनीतिक दलों के लोग आंदोलन को खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। किसान नेता योगेंद्र यादव ने भी किसानों से शांति बनाए रखने की अपील की है। – photo social media