नई दिल्ली – लेफ्टिनेंट गवर्नर (एलजी) नजीब जंग से बढ़ती तल्खी के बीच अब दिल्ली सरकार ने सीएनजी फिटनेस घोटाले में एलजी को भी कठघरे में खड़ा करने की तैयारी कर ली है। सूत्रों के अनुसार, सरकार एलजी के खिलाफ केस दर्ज कराने की संभावना पर विचार कर रही है। खुद सीएम केजरीवाल ने चीफ सेक्रेटरी से रिपोर्ट मांगी है कि एलजी के खिलाफ क्या ऐक्शन लिया जा सकता है।
सरकार कई वरिष्ठ कानूनविदों और संविधान विशेषज्ञों की राय भी ले रही है। सूत्रों के मुताबिक, कुछ विशेषज्ञों ने सरकार को सलाह दी है कि सीबीआई की प्राथमिक जांच रिपोर्ट के आधार पर एलजी के खिलाफ आईपीसी की धारा 217 और 218 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ये धाराएं पद का दुरुपयोग कर किसी को सजा से बचाने से संबंधित हैं। इनमें 2 साल तक की सजा का प्रावधान है।
सूत्रों का कहना है कि सीएम जल्द ही राष्ट्रपति से भी मुलाकात कर सकते हैं। सोमवार शाम को वह राष्ट्रपति भवन में एक कार्यक्रम में गए थे। वहां एलजी भी आए थे। इस दौरान दोनों की अनौपचारिक बातचीत भी हुई।
उपराज्यपाल नजीब जंग ने इस ताजा घटनाक्रम पर सीधे कोई बयान जारी नहीं किया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक एलजी ने कहा है कि 2012 में सीएनजी फिटनेस घोटाले में ऐंटी-करप्शन ब्यूरो द्वारा केस दर्ज करने के बाद 2013 में उन्होंने खुद इस मामले की जांच के लिए जस्टिस मुद्गल की अध्यक्षता में एक कमिटी का गठन किया था। मुद्गल कमिटी की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्होंने सीबीआई को इस केस में दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से पूछताछ की इजाजत नहीं दी थी। ऐसे में उन पर इस मामले की जांच को प्रभावित करने के जो आरोप लग रहे हैं, वो सरासर गलत हैं।