नई दिल्ली: एक बड़ी कार्रवाई के तहत दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने 449 निजी स्कूलों को टेकओवर करने केे दिल्ली सरकार के आदेश को मंजूरी दे दी है। इन स्कूलों पर ये कार्रवाई मनमानी फीस वसूलने को लेकर की गई है। इन स्कूलों ने सरकार के फीस वापस लौटाने के आदेश की अनदेखी की थी।
पिछले दिनों दिल्ली सरकार ने 449 प्राइवेट स्कूलों को टेकओवर करने का प्रस्ताव दिया था। इस सूची में दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड, स्प्रिंग डेल, अमिटी इंटरनेशनल साकेत, संस्कृति स्कूल, मॉडर्न पब्लिक स्कूल भी शामिल हैं। दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि दिल्ली हाई कोर्ट की बनाई समिति की सिफारिश 449 प्राइवेट स्कूल नहीं मान रहे और लगातार नियम का उल्लंघन कर रहे हैं इसलिए सरकार इनको टेकओवर करने को तैयार है।
इसी मसले पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पिछले दिनों दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि मौजूदा दिल्ली सरकार शिक्षा को अभिन्न अंग मानती है। अब तक दो हिस्से थे सरकारी और प्राइवेट। प्राइवेट में पैसे वालों के बच्चे पढ़ते थे। सरकारी में ग़रीब लोगों के बच्चे पढ़ते थे। हमने ये गैप कम किया है।
उन्होंने कहा, हमने सरकारी शिक्षा प्रणाली को अच्छा किया है। 449 प्राइवेट स्कूलों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा कि ये नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। हालांकि हम इन स्कूलों के ख़िलाफ़ नहीं हैं। हम जस्टिस अनिल देव सिंह की सिफारिशें लागू करेंगे। अगर प्राइवेट स्कूल पेरेंट्स को लूटेंगे तो वो हम नहीं होने देंगे। अब सरकार चुप नहीं बैठेगी। हम स्कूलों से अपील करते हैं कि वे अनिल देव सिंह की सिफारिशें लागू करें। यदि नहीं करेंगे तो हम स्कूलों का टेकओवर करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमें इसकी ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
तब मनीष सिसोदिया ने कहा कि 4 दिन पहले शो काज़ नोटिस भेजा था। 1108 में से 544 ने फीस सही ढंग से नहीं वसूली है. इनमें से 44 स्कूल माइनॉरिटी के हैं। 15 स्कूलों ने पैसे वापस कर दिए हैं। 13 स्कूल बंद हो चुके हैं. इसके बाद 449 स्कूल बचते हैं। इन्हीं स्कूलों को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। हालांकि कई प्राइवेट स्कूलों में अच्छी पढ़ाई होती है लेकिन अगर वो हाईकोर्ट और अनिल देव की सिफारिशें नहीं मानेंगे तो हम टेकओवर करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।