नई दिल्ली – जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में देशद्रोही गतिविधियों के मामले में नया खुलासा हुआ है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने अपनी चार पेज की रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी है, जिसमें कहा गया है कि जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने देशविरोधी नारे नहीं लगाए।
रिपोर्ट के मुताबिक, कन्हैया मौके पर जरूर मौजूद था, लेकिन न तो वह आयोजकों में शामिल था, ना ही उसने नारेबाजी की थी।
रिपोर्ट में एबीवीपी के इस दावे को भी गलत बताया गया है कि उसके पदाधिकारियों ने पुलिस-प्रशासन के इसकी सूचना दी। यह सूचना जेएनयू स्टाफ में से किसी ने दी थी।
कुल मिलाकर यह रिपोर्ट दिल्ली पुलिस के बैकफुट पर ला रही है, जिसने जल्दबाजी में कन्हैया पर देशद्रोह का केस दर्ज कर दिया है। कन्हैया फिलहाल पुलिस कस्टडी में है।
इस बीच, नारे लगाने वालों में शामिल जेएनयू के ही उमर खालिद को लेकर पता चला है कि संसद हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु के समर्थन में कार्यक्रम का आयोजन उसी ने किया था। वह कई महीनों से इसकी प्लानिंग कर रहा था। मामले में पुलिस को खालिद की तलाश है और वह फरार बताया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, जेएनयू में भारत विरोधी नारे लगाने के लिए वह कश्मीरी युवकों को लाया था। सात फरवरी को ऐसे दस युवक जेएनयू में प्रवेश हुए थे। इसके दो दिन बाद ही उक्त कार्यक्रम हुआ था और पाकिस्तान जिंदाबाद, भारत तेरे टुकड़ें होंगे हजार जैसे नारे लगे थे।
इस बीच, बिहार से भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कन्हैया का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, मैंने वीडियो में कन्हैया की बातें सुनी हैं। उसने देशविरोधी नारे नहीं लगाए हैं। उस पर हो रही कार्रवाई गलत है।