नई दिल्लीः दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर पर पहुंचने के मुद्दे पर आज राज्यसभा चर्चा हुई। इस मुद्दे पर विपक्ष के कई नेताओं ने अपनी बात रखी वहीं, सरकार की तरफ से केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने जवाब दिया।
संसद के शीतकालीन सत्र में बुधवार को दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को लेकर सरकार ने जवाब दिया। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राज्यसभा में कहा, ‘दिल्ली एनसीआर में वायु प्रदूषण को कम करने और नियंत्रित करने के लिए हमने कई कदम उठाए हैं। प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया हैष नियमित तौर पर समीक्षा बैठकें की जाती हैं।’
जावड़ेकर ने आगे कहा, ‘दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण से निपटने के लिए हमने एक व्यापक हवाई योजना बनाई है। इसके लिए हमने एजेंसियों की पहचान की है जो आगे की कार्ययोजना को लागू करेंगी। केंद्र ने दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न चरणों के प्रदूषण के लिए बनाए गए इस एक्शन प्लान को मंजूरी दे दी है।’
Prakash Javadekar in Rajya Sabha: A comprehensive air plan for Delhi NCR has been developed identifying the timelines and implementing agencies for actions delineated. Centre has notified a graded response action plan for Delhi NCR for different levels of pollution https://t.co/HeKerh0OTu
— ANI (@ANI) November 21, 2019
चर्चा के दौरान कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रदूषण पर तीनों तरफ से सुझाव आए। हवा को प्रदूषित करने में हर भारतीय का थोड़ा हिस्सा है चाहे वो किसी भी पार्टी से या धर्म से हो। इसके लिए सिगरेट, तंबाकू, पान, चूल्हा, मशीनरी, फैक्ट्ररी, किसानों का घास जलाना और हमारे वाहन जिम्मेदार हैं। हमें इसके समाधान की तरफ जाना चाहिए।
गुलाम नबी आजाद ने कहा कि मंत्रियों को प्रधानमंत्री से निवेदन करना चाहिए कि सभी मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाएं। भाषण से कुछ होगा नहीं। इस बैठक में केंद्रीय मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, उप मुख्यमंत्रियों, राज्यपाल और उपराज्यपालों को बुलाना चाहिए।
वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने सच सबके सामने रखा है। प्रदूषण में कमी आई है। मंत्री ने जो रिपोर्ट सदन में रखी है वही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में रखी है। दिल्ली सरकार ने ग्रीन कवर बढ़ाया गया, ऑड ईवन लागू हुआ, दो थर्मल पावर प्लांट बंद किए गए। 56 हजार मशीनें अलग-अलग राज्यों को दी गईं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट का डाटा कुछ और कहता है। 20 हजार मशीन पंजाब, हरियाणा और यूपी को दी गई। मैं मंत्री जी से पूछना चाहता हूं कि बाकी 36 हजार मशीनें कहां गईं। अगर केजरीवाल को गाली देकर प्रदूषण कम होता है तो दिन रात उन्हें गाली दीजिए।