राजधानी दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में हुए सांप्रदायिक हिंसा के मुख्य आरोपी आम आदमी पार्टी (AAP) से निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन के खिलाफ दाखिल चार्जशीट में उसके यहां काम करने वाले दो कर्मचारियों को गवाह बनाया है। इन दोनों कर्मचारियों ने बताया है कि दंगों से पहले ताहिर हुसैन क्या कर रहा था और उस दिन उन्होंने वहां क्या-क्या देखा। चार्जशीट के मुताबिक, ताहिर हुसैन के दोनों कर्मचारियों ने उसे ‘बहुत ही गोपनीय’ तरीके से कई व्यक्तियों से बात करते हुए देखा था।
गिरीश पाल और राहुल कसाना ने पुलिस को दिए अपने बयान में कहा कि 24 फरवरी को वे खजूरी खास इलाके में हुसैन के ऑफिस में मौजूद थे। चार्जशीट ने कहा गया है कि दोपहर में उन्होंने ताहिर हुसैन के घर के बेसमेंट पर कई लोगों को इकट्ठा होते हुए देखा था और वह उनके साथ बहुत ही गोपनीय तरीके से बात कर रहे थे। उन्होंने बताया कि ताहिर हुसैन जिनसे बात कर रहे थे उनमें आरोपी शाह आलम, इरशाद, आबिद, अरशद प्रधान, राशिद और शादाब भी अन्य आरोपियों के साथ वहां मौजूद थे।
चार्जशीट में बताया है कि मुख्य गवाह ने बाहर भीड़ के शोर को सुनने और ऑफिस में तनाव महससूस करने के बाद वहां से चले गए थे। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट पवन सिंह राजावत के समक्ष ताहिर हुसैन और 14 अन्य के खिलाफ पिछले महीने आरोप पत्र दायर किया था। अदालत दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट पर अगस्त में सुनवाई करेगी।
चार्जशीट के अनुसार, जिसकी कॉपी अभियोजन पक्ष के गवाह राजबीर सिंह यादव को दी गई है, जो हुसैन के घर के पास एक पार्किंग स्थल पर शादी की भोजन तैयारियों की देखरेख कर रहा था। उसने दिल्ली पुलिस को दिए बयान में कहा है कि दोस्त की बहन की शादी के लिए बनाया गया खाना भीड़ ने बर्बाद कर दिया था। इतना ही नहीं आरोपी रियाकत अली ने उससे 62,000 रुपये लूट लिए।
आरोपी शाह आलम अली के साथ कई अन्य लोग भी मौजूद थे और हुसैन भी उस भीड़ में शामिल था। एक अन्य अभियोजन पक्ष के गवाह ने कहा कि हुसैन अपने घर की छत पर मौजूद था और पत्थर फेंक रहा था और उनके साथ मौजूद अन्य लोगों को निर्देश दे रहे था, जो पार्किंग की तरफ पत्थर और पेट्रोल बम भी फेंक रहे थे।
चार्जशीट में बताया गया है कि जांच के दौरान, निजी और सरकारी कैमरों से घटना के सीसीटीवी फुटेज को इकट्ठा करने की कोशिश की गई, लेकिन पास में कोई भी सीसीटीवी नहीं होने के कारण कोई वीडियो नहीं मिला।
हुसैन को भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 14 अन्य लोगों के साथ दंगा, गैरकानूनी तरीके से इक्ट्ठा होना, आपराधिक षड्यंत्र रचने, धर्म और जाति के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप पत्र दायर किया गया है।
हुसैन पर भी कड़े आतंकवाद-रोधी कानून – गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। हिंसा में कथित तौर पर ‘पूर्व-निर्धारित साजिश’ का हिस्सा होने के लिए दंगों से संबंधित एक अलग केस दर्ज किया गया है।
नागरिकता कानून समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसा के बाद 24 फरवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें हुई थीं, जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग 200 लोग घायल हो गए थे।