सिब्बल ने शनिवार को ट्वीट किया कि कानून मंत्री कांग्रेस से कहते हैं कि प्लीज, हमें राजधर्म न सिखाएं। हम कैसे आपको सिखा सकते हैं मंत्री महोदय। जब आपने गुजरात में वाजपेयी जी की नसीहत नहीं सुनी, आप हमें क्यों सुनेंगे।
demo pic
नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई है, लेकिन इसे लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच राजनीति शुरू हो गई है। शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी राजधर्म के नाम पर लोगों को भड़काने का काम नहीं करे। रविशंकर के बयान पर अब कांग्रेस के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल ने पलटवार किया है।
सिब्बल ने शनिवार को ट्वीट किया कि कानून मंत्री कांग्रेस से कहते हैं कि प्लीज, हमें राजधर्म न सिखाएं। हम कैसे आपको सिखा सकते हैं मंत्री महोदय। जब आपने गुजरात में वाजपेयी जी की नसीहत नहीं सुनी, आप हमें क्यों सुनेंगे। सुनना, सीखना और राजधर्म का पालन करना आपके सरकार के मजबूत बिंदुओं में से एक नहीं है।
Law Minister to Congress :
“ Please don’t preach us Rajdharma “
How can we Mr. Minister ?
When you did not listen to Vajpayeeji in Gujarat why would you listen to us !
Listening , learning and obeying Rajdharma not one of your Government’s strong points !
— Kapil Sibal (@KapilSibal) February 29, 2020
बता दें कि साल 2002 में जब गुजरात में दंगे भड़के थे उस वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने मोदी से राजधर्म का पालन करने को कहा था।
इससे पहले शुक्रवार को दिल्ली हिंसा की पृष्ठभूमि में सरकार को राजधर्म का पालन करने की सोनिया गांधी की नसीहत पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा ने कहा था कि कांग्रेस पार्टी का इतिहास वोट बैंक की राजनीति के लिए अधिकारों का दमन करने, अपनी बात से पलटने का रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष राजधर्म पर उपदेश न दें।
भाजपा ने रामलीला मैदान में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के भाषण को उद्धृत करते हुए उन पर उत्तेजना फैलाने का भी आरोप लगाया था। केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस पार्टी कल राष्ट्रपति जी के यहां गई थी और हमें राजधर्म के बारे में बताया जा रहा है। आज मुझे राजधर्म के बारे में कांग्रेस पार्टी और सोनिया जी से कुछ सवाल करने हैं।
उन्होंने कहा कि सोनिया जी आप अपनी टिप्पणी को देखिए जहां आपने रामलीला मैदान में ‘इस पार या उस पार’ की बात कही थी। ये कौन सी भाषा है? प्रसाद ने सवाल किया, ‘ये उत्तेजना नहीं है तो क्या है? ‘इस पार या उस पार’ का मतलब है संवैधानिक रास्ते से अलग। ये कौन सा राजधर्म है सोनिया जी? आपने लोगों में उत्तेजना क्यों फैलाई?’
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये समय शांति के लिए हाथ बढ़ाने का है। ये समय उत्तेजना फैलाने का नहीं है। लेकिन कांग्रेस पार्टी का स्वर जो दिसंबर में आर-पार का था वही स्वर आज भी है।
भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में शांति चाहिए और कांग्रेस राजधर्म के नाम पर देश में उत्तेजना फैलाने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अगुवाई में पार्टी के शिष्टमंडल ने गुरुवार को दिल्ली हिंसा मामले पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार से राजधर्म का पालन कराने और गृह मंत्री अमित शाह को हटाने के लिए कदम उठाएं।