नागपुर- आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य ने शुक्रवार को कहा कि नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गयी और नोटबंदी के कारण काम ना मिलने की वजह से लोगों का शहरों से गांवों की तरफ पलायन बढ़ गया।
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उन्होंने कहा, ‘‘नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। शहरों में काम कर रहे गांवों के लोग काम ना होने के कारण घर लौट रहे हैं। बीजेपी के पूर्व महासचिव ने अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि जीडीपी आधारित विकास का मॉडल देश में बेरोजगारी बढ़ा देगा।
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वह यहां जी एच रायसोनी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में चौथे राष्ट्रीय छात्र संसद के उद्घाटन से इतर मीडिया से बात कर रहे थे। नागपुर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए नोटबंदी और इसके कारण उपजे हालात पर अपना मत व्यक्त किया।
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उन्होंने कहा कि नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई। नोटबंदी के कारण रोजगार न मिलने के कारण लोगों का शहरों से गांवों की तरफ पलायन बढ़ गया है।
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गोविंदाचार्य ने कहा कि ‘‘नोटबंदी के असर का आकलन करने के लिए सरकार ने कोई व्यवस्था नहीं की। शहरों में काम कर रहे गांवों के लोग काम न होने के कारण घर लौट रहे हैं। ”