नई दिल्लीः नोटबंदी के करीब 2 साल बाद आयकर विभाग ने उन लोगों का दरवाजा खटखटाना शुरू किया है, जिन्होंने अपने बैंक खातों में बेहिसाब कैश जमा किया था। रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने इन लोगों को बेनामी ऐक्ट के तहत शुरूआती नोटिस भेजे हैं और जमा की गई नकदी का स्रोत बताने को कहा है। घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने बताया कि पहले चरण में करीब 10,000 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं और आने वाले हफ्तों में दूसरों को भी नोटिस भेजे जा सकते हैं।
नवंबर 2016 में की गई नोटबंदी के चलते चलन से बाहर किए गए अधिकतर करंसी नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं। हालांकि एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘पैसा लौटा तो है बैंकिंग सिस्टम में लेकिन वह किसी न किसी नाम से जुड़ा है। न केवल इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, बल्कि कई अन्य सरकारी विभाग भी अब इस डेटा का उपयोग भविष्य में जांच में कर सकते हैं।’ सूत्रों के अनुसार, बेनामी ऐक्ट काफी कड़ा है और इन नोटिसों के चलते कई लोगों को जेल भी हो सकती है।
सूत्रों ने कहा कि बेनामी नोटिस अभी शुरुआती स्तर के हैं। ये उन लोगों को भेजे गए हैं, जिन्होंने बेहिसाब कैश जमा किया था या जिनका कैश डिपॉजिट उनकी इनकम के मुताबिक नहीं था। कई मामलों में लोगों ने ऐसे बैंक खातों में पैसा जमा किया, जो उनके नहीं थे। ये नोटिस भेजे जाने का मतलब यह है कि बैंक खाता धारक और पैसे जमा करने वाले, दोनों को बेनामी ऐक्ट के तहत जांच का सामना करना होगा।’
इससे पहले टैक्स डिपार्टमेंट ने कथित टैक्स चोरों को नोटिस भेजे थे और उनकी प्रॉपर्टीज पर छापे मारे थे। कई मामलों में बेनामी प्रॉपर्टी रखने वालों को नोटिस भेजे गए, जो कुछ अमीर लोगों के ड्राइवर या उनके रिश्तेदार थे। हो सकता है कि इन अमीरों ने इनकम पर टैक्स देने से बचने के लिए इनके नाम पर प्रॉपर्टी खरीदी हो।