नई दिल्ली- अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने पीएम नरेंद्र मोदी को हिंदू-विरोधी बताया है। महासभा की वरिष्ठ नेता ने कहा कि केंद्र का नोटबंदी का फैसला मोदी शासन के अंत की शुरुआत है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इस भगवा दल ने कहा कि नोटबंदी का नियम हिंदू विवाह के सीजन से पहले लिया गया है। वहीं बीजेपी के नेता मुस्लिम के बैंकों को बढ़ावा देने का काम कर रहे हैं।
हिंदू महासभा की महासचिव पूजा सकुन पांडे ने कहा, जो लोग रोज 200 से 300 रुपये कमाते हैं और जो सिर्फ सरकारी पेंशन के आधार पर जिंदगी बिता रहे हैं उन्हें ही परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस फैसले से अमीरों पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दे रहा।
हिंदुओं को रद्द करनी पड़ रही है शादी
इसके अलावा ये फैसला हिंदू विवाह सीजन से ऐन पहले लिया गया है। हजारों लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से उधार लेने को मजबूर हैं। कुछ ने शादी की तारीख बदल दी है, वहीं कुछ लोगों को उसे रद्द करना पड़ रहा है।
इस समय में भारतीय जनता पार्टी जो खुद को हिंदुओं की पार्टी कहती है वो मुस्लिम बैकों को देश में बढ़ावा दे रही है। पांडे का ये तंज शोलापुर से बीजेपी एमएलए और महाराष्ट्र कॉर्पोरेशन के मंत्री सुभाष देशमुख पर था।
देशमुख ने सितंबर के महीने में शोलापुर के अंदर शरिया के अनुरूप देश की पहली बैंकिंग सर्विस की शुरुआत की थी। देशममुख के लोकमंगल कॉपरेटिव बैंक अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को जीरो परसेंट पर उधार देता है।
मोदी का हिंदुत्ववादी चेहरा हो रहा बेनकाब
महासभा के एक और सदस्य ने कहा कि मोदी का हिंदुत्ववादी चेहरा अब बेनकाब हो रहा है। उन्होंने कहा कि “डिमोटाइजेशन देश को डि-मोदी-टाइजेशन की ओर ले जाएगा। महासभा ने पीएम मोदी पर फर्जी सर्जिकल स्ट्राइक का भी आरोप लगाया।
उत्तरप्रदेश प्रवक्ता अशोक कुमार पांडे के मुताबिक ” सीमापार से आतंकवाद बढ़ गया है”। अगर किसी भी तरह की सर्जिकल स्ट्राइक हुई तो उसका देश को क्यों नहीं फायदा हुआ।
हर रोज हमारे सैनिक मारे जा रहे हैं। उन्होंने मोदी समर्थकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि ये लोग मोदी विरोधी लोगों को देश विरोधी करार दे रहे हैं। [एजेंसी]