अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2020 की चुनावी रैली में यह तर्क दिया कि कुद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए ड्रोन हमले का आदेश देकर ‘अमेरिकी नागरिकों के साथ न्याय’ किया है। इसके लिए मैं नोबेल पुरस्कार का हकदार हूं।
जबकि डेमोक्रेटिक नेताओं ने डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले पर सवाल उठाए और कहा कि बिना किसी विचार के यह कदम उठाया गया है।
विपक्ष ने सदन में एक प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप को ईरान के खिलाफ आगे की सैन्य कार्रवाई करने के पहले कांग्रेस से सलाह लेनी चाहिए थी।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने कभी नोबेल पुरस्कार नहीं जीता है। 2019 के नोबेल पुरस्कार विजेता, इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह खुद भी इस सम्मान के हकदार हैं।
उन्होंने कहा, ‘मैंने एक देश को बचाया, और मैंने सुना कि देश के प्रमुख को देश को बचाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला है।’
पिछले हफ्ते कासिम सुलेमानी की हत्या ने अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। जवाबी कार्रवाई में ईरान ने पड़ोसी इराक में अमेरिका के दो सैन्य अड्डों पर कई मिसाइलें दागीं। जहां पर सैकड़ों अमेरिकी सैनिक थे।
इस हमले में अमेरिका या इराकी सैनिकों के हताहत होने की खबर नहीं है। ट्रंप ने कहा, ‘उनके पास ईरान के खिलाफ आगे की सैन्य कार्रवाई करने की अभी कोई योजना नहीं है इसके बजाय वह इस्लामी गणराज्य के खिलाफ और कठोर प्रतिबंधों को लागू करेंगे।’
ईरान ने ट्रंप के लिए 2020 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान में एक नया मोर्चा खोल दिया है। अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस ने कहा कि राष्ट्रपति ने एक खतरनाक आतंकवादी को मार गिराया है। यह कार्रवाई उस समय की गई जब दुनिया को सबसे खतरनाक आतंकवादी से खतरा था।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बृहस्पतिवार को कहा कि ईरान अमेरिकी प्रतिबंधों से बुरी तरह से परेशान है और उसके पास परमाणु हथियार कभी नहीं होंगे।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में संवादाताओं से कहा, ‘ईरान वर्तमान में अराजक है। वे अपनी अर्थव्यवस्थ बहुत जल्द ठीक कर सकते हैं। देखते हैं कि वे बातचीत करेंगे अथवा नहीं।’ इराक में अमेरिकी बलों पर ईरान के हमले के बाद उस पर नए प्रतिबंध लगाए गए हैं।