लखनऊ: उत्तर प्रदेश के अंदर पिछले एक महीने में 22 से ज्यादा जिलों में बच्चा चोरी की अफवाह पर निर्दोषों की पिटाई के अब तक 53 मामले सामने आए हैं। बता दें कि बच्चा चोरी की अफवाह और भीड़ की हिंसा पर सूबे के पुलिस मुखिया ओपी सिंह ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अब तक बच्चा चोरी की अफवाह फैलाने और हिंसा भड़काने वाले 82 लोगों को गिरफ्तार किया है। साथ ही ऐसे लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं, उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं दें।
डीजीपी ओपी सिंह ने एक वीडियो जारी करते हुए लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि जहां ऐसे मामले सामने आए हैं। वहां सघन ग्रुप पेट्रोलिंग कराई जा रही है। ऐसे मामलों में पुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीवीआर) की सक्रियता को बढ़ाया जा रहा है ताकि वे न्यूनतम समय में मौके पर पहुंच सकें। ऐसे संवेदनशील स्थलों को चिह्नित किया जा रहा है जहां बच्चे अधिक रहते हैं और इस तरह की घटना हो सकती है। ऐसी जगहों पर पुलिस खास निगरानी रखेगी। पुलिस सोशल मीडिया समेत अन्य प्लेटफॉर्म पर आमजन से ऐसी अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील कर रही है। मोहल्ला पीस कमेटियों व विभिन्न संगठनों को भी इस काम से जोड़ा जा रहा है ताकि अफवाहों को लेकर लोगों को जागरूक किया जा सके।
बच्चा चोरी की अफवाह और भीड़ का तांडव बुधवार को भी जारी रहा। उधर मंगलवार को संभल जिले के चंदौसी में अपने बीमार भतीजे को अस्पताल ले जा रहे दो भाइयों पर भीड़ ने बच्चा चोर के शक में हमला बोल दिया। इस हमले में एक की मौत हो गई जबकि दूसरा अस्पताल में भाई जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। उधर बुधवार को फ़तेहपुर में बच्चा चोरी के शक में सैकड़ों ग्रामीणों ने एक मेडिकल टीम पर हमला बोल दिया। उन्हें बचाने पहुंची पुलिस पर भी ग्रामीणों ने हमला बोल दिया। इस हमले में एक दरोगा समेत तीन लोग घायल हैं। अब तक प्रदेश में भीड़ की हिंसा से एक की मौत हो चुकी है जबकि 35 लोग घायल हैं।
बच्चा चोरी की सबसे ज्यादा अफवाह मेरठ मंडल से सामने आई है। यहां 19 मामले सामने आए हैं, जहां लोग भीड़ का शिकार हुए। इसके अलावा 12 केस आगरा, कानपुर में सात, बरेली में चार, लखनऊ व गोरखपुर में दो-दो, संभल, रायबरेली, फतेहपुर, मुजफ्फरनगर व शामली, गाजियाबाद, बुलंदशहर में एक-एक मामले सामने आए हैं।