लखनऊ – डीजीपी एके गुप्त ने मातहतों को हिदायत दी है कि वह मीडिया के साथ सहयोग करें। मीडिया का सहयोग मिलने पर ही पुलिस महकमा अपने उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार कर सकता है। उन्होंने माना कि यदाकदा चूक से पुलिस की छवि बिगड़ती है। इसी तरह सोशल मीडिया के उपयोग से पुलिस की बात दूर तक आसानी से पहुंच सकती है।
डीजीपी मुख्यालय में ‘पुलिस व मीडिया के बीच बेहतर रिश्ते एवं पुलिस के अच्छे कायॆ का सही ढंग से प्रस्तुतीकरण’ विषय पर आयोजित कार्यशाला में श्री गुप्त ने ये उद्गार व्यक्त किये। डीजीपी ने कार्यशाला को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस फोर्स की जिम्मेदारी है कि वह जनता को न्याय दिलाने में सहयोग करें। उन्होंने पुलिसकर्मियों को पूरे मनोयोग, तत्परता व निष्ठा से कार्य करने के लिये सलाह दी है ताकि पुलिस विभाग की छवि बेहतर दिखायी दे। उन्होंने कहा कि जोनल पीआरओ सेल को परिक्षेत्रीय और जनपदीय पीआरओ सेल के कार्य को अधिक प्रभावी बनाने में इसी प्रकार की कार्यशालाएं आयोजित करती रहनी चाहिए।
इस अवसर पर आईजी कानून-व्यवस्था ए. सतीश गणोश ने जनसम्पर्क के गुर समझाते हुए कहा कि जनहित के समाचारों को पूरी पारदर्शिता के साथ मीडिया को बताना चाहिए। विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित वरिष्ठ सूचना उप निदेशक डा. अशोक कुमार शर्मा ने विभिन्न उदाहरणों के साथ पुलिस जन सम्पर्क, सोशल मीडिया प्रबन्धन और पुलिस के लिये प्रेस कवरेज से सम्बन्धित बारीकियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जन सम्पर्क और मीडिया प्रबन्धन के नाम पर बहानेबाजी कभी भी किसी भी पीआरओ को :लोकप्रिय नहीं बना सकती। सूचना कम से कम समय में मीडिया तक पहुंचना ही जन सम्पर्क का सबसे सफल सिद्धान्त है। गृह विभाग के मीडिया प्रभारी विपिन कुमार मिश्र ने जोनल पीआरओ सेल का आह्वान किया कि वे जिलों की विशिष्ट व राज्य स्तर पर प्रचार योग्य खबरें शासन के मीडिया सेल को भी उपलब्ध करायें।
उन्होंने प्रेस प्रतिनिधियों को ई-मेल, एसएमएस व वेबसाइट के माध्यम से समाचार भेजने के लिए गृह विभाग के मीडिया सेल द्वारा अपनायी जाने वाली प्रक्रिया को विस्तार से बताया। डीजीपी के पीआरओ नित्यानन्द राय ने सभी जोन के पीआरओ सेल द्वारा किये जा रहे कायरें की समीक्षा की। कार्यक्रम में समस्त जोनल आईजी कार्यालयों के पीआरओ सेल के प्रभारियों ने हिस्सा लिया।
रिपोर्ट :-शाश्वत तिवारी