मऊ- बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में जेल में बंद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निकाले गए दयाशंकर सिंह को आज सुबह आठ बजे मऊ जिला जेल से रिहा कर दिया गया है। जेल से रिहा होने पर दयाशंकर सिंह ने कहा कि लखनऊ जाकर अपनी बीमार मां, पत्नी और बेटी से मिलेंगे। उसके बाद ही मीडिया से बात करूंगा। बता दें कि उन्हें जमानत मिलते ही बसपा नेताओं ने ऐलान कर दिया कि इस फैसले के खिलाफ वो हाई कोर्ट में अपील करेंगे।
दयाशंकर को 50-50 हजार रुपये के दो निजी मुचलकों पर जमानत मिली थी। जमानत की अर्जी पर लगभग 45 मिनट तक चली बहस के बाद अदालत ने यह फैसला लिया था। बसपा इस फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाने की तैयारी कर चुकी है। बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने कहा कि जमानत का आदेश विधिसम्मत नहीं है और इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी।
बसपा द्वारा उनके जमानत को उच्च न्यायालय में चुनौती देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हूं।
गौरतलब हो कि गत 19 जुलाई को मऊ में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में भाजपा के उपाध्यक्ष रहे दयाशंकर सिंह ने बसपा अध्यक्ष एवं प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया था। उसके बाद 20 जुलाई को राज्यसभा में बसपा अध्यक्ष मायावती द्वारा टिप्पणी पर कड़ा एतराज जताया गया था।
टिप्पणी के बाद भाजपा ने गंभीर रूप अपनाते हुए दयाशंकर सिंह को पार्टी से निकाल दिया था। उसके बाद 21 जुलाई को लखनऊ में दयाशंकर सिंह को गिरफ्तार करने की मांग को लेकर बसपा ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद बसपा ने दयाशंकर सिंह के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद दयाशंकर सिंह भूमिगत हो गया और 30 जुलाई को बिहार पुलिस और प्रदेश की एसटीएफ ने उसे बिहार के बक्सर से गिरफ्तार किया था।
गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ दयाशंकर सिंह को ट्रांजिट रिमाण्ड पर लेकर मऊ लेकर आई थी। उसके बाद लखनऊ से मुकदमा मऊ स्थानांतरित हो जाने पर उसे अदालत में पेश किया गया था। स्थानीय अदालत ने उसे जेल भेज दिया था। दयाशंकर सिंह को 50-50 हजार रुपए के दो मुचलके भरने पर कल अदालत से जमानत मिली थी। दयाशंकर सिंह को आज सुबह आठ बजे जिला जेल से रिहा किया गया। [एजेंसी]