मंडला- आज़ाद भारत ने अभी अभी अपने 7 दसक पूरे किये है। इन 7 दसकों के दौरान देश ने तरक्की के कई आयाम तय किये। आज हम दुनिया के सबसे बड़े प्रजातान्त्रिक देश होने के साथ – साथ सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में भी उभरे है।
हमारी गिनती दुनिया के सबसे विकाशशील देश के रूप में हो रही है बावजूद इसके देश में मॉडर्न इंडिया और ग्रामीण भारत के बीच की खाई लगातार बाद रही है। आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले से कुछ ऐसी तस्वीरें सामने आई है जो न सिर्फ हमारे खोखले विकास के दावों की पोल खोल रही है बल्कि हमें शर्मिंदा भी।
मामला आदिवासी बाहुल्य मंडला जिले के चरगांव सहित चार गाँवों का है जहाँ आधुनिक भारत की चौकाने वाली तस्वीरें सामने आयी है। जिला मुख्यालय से लगे इन गाँवों की बदहाल सड़कें डिजीटल इंडिया की पोल खोलने के लिये काफी हैं। चरगांव, सिमरिया, भंडारताल और खमरिया गाँव के लोग सड़क नहीं होने से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
सबसे बुरे हाल स्कूली छात्रों के हैं जिन्हें स्कूल तक पहुँचने के लिये रोज कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। भविष्य बनाने की चाह में गाँव के नौनिहाल रोज घुटने तक कीचड से सने गड्ढों को गिरते पड़ते स्कूल पहुँचते हैं। कीचड़ से सरोबार गड्ढों को पार करते वक्त बच्चे अगर गिर गये तो उनकी उस दिन वो स्कूल से छुट्टी मना लेते है।
एक छात्रा माधुरी मरावी ने बताया कि कीचड में स्कूल यूनिफार्म खराब हो जाती जिसे रोज़ स्कूल से आकर धोना पड़ता है। कई जगह शिकायत करने के बाद भी सड़क नहीं बनी। अब ये छात्रा खुद को भांजियों का मामा कहने वाले प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज से सड़क बनाने की गुहार लगा रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि सड़कें नहीं होने की वजह से उनके गांवों में कोई शादी नहीं करना चाहता। साथ ही गाँव में कोई बीमार हो जाये या कोई इमरजेंसी आ जाये तो इलाज के अभाव में मरीज की जान तक चली जाती है। ग्रामीणों की मानें तो सड़क की मांग के लिये वो जिला प्रशासन से लेकर प्रधानमंत्री तक आवेदन कर चुके हैं लेकिन सालों से सिर्फ उन्हें आश्वासन ही मिलता आ रहा है।
सालों से सड़क की मांग करते चार गाँव के ग्रामीणों का गुस्सा जब फूट तो करीब तीन सौ ग्रामीणों ने जिला पंचायत अध्यक्ष संपतिया उइके के आवास में डेरा डाल दिया।
चार गाँवों के ग्रामीणों का आक्रोश देखकर जिला पंचायत अध्यक्ष ने तत्काल सबंधित विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि बहुत जल्द उनके गाँवों में सड़क निर्माण प्रारंभ किया जायेगा तब जाकर कहीं ग्रामीण वापस अपने गाँव के लिये निकले।
जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि मवईजर से लेकर चरगांव तक सड़क निर्माण का प्रस्ताव ग्राम पंचायत से प्राप्त न होने की वजह से उसे एक्शन प्लान में नहीं जोड़ा जा सका था। प्रशासनिक अधिकारियों को ग्राम पंचायत से प्रस्ताव लेकर एस्टीमेट बनाने का निर्देश तत्काल दे दिया गया है। एस्टीमेट मिलते ही सड़क निर्माण कराया जाएगा।
रिपोर्ट- @सैयद जावेद अली