पीएम नरेंद्र मोदी ने देश के प्रधान न्यायाधीश की मौजूदगी में सुप्रीम कोर्ट की एकीकृत मुकदमा प्रबंधन प्रणाली की आज शुरूआत की।
इस प्रणाली से वादियों को आंकड़ें हासिल करने और ऑनलाइन सूचना हासिल करने में मदद मिलेगी तथा यह सुप्रीम कोर्ट में कागज रहित काम की दिशा में एक अहम कदम होगा। अब आॅनलाइन ही याचिका दायर की जा सकेगी।
प्रधान न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर ने इस मौके पर कहा कि वह सभी 24 उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में एकीकृत प्रणाली शुरू करने का प्रस्ताव रखते हैं।
उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी, हेरफेर कम होगा और वादी को वास्तविक समय में अपने मुकदमे की प्रगति के बारे में जानने में मदद मिलेगी।
केंद्र और राज्य सरकार के प्रत्येक विभाग को यह पता चल जाएगा कि क्या उन्हें मामले में पक्षकार बनाया गया और उन्हें इसी के अनुसार तैयारी करने में मदद मिलेगी।
अदालत के शुल्क और प्रक्रिया शुल्क की गणना ऑनलाइन की जाएगी, जिससे वादी को इसमें आने वाली लागत का पता लग जाएगा। न्यायाधीश खेहर ने कहा कि इससे बार को मदद मिलेगी और उसका कार्यभार नहीं बढ़ेगा।
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, “इससे वकीलों को ई-फाइलिंग करने का विकल्प मिलेगा और वे अपने कायार्लयों से ही याचिका दायर कर सकते हैं, उन्हें रजिस्ट्री के पास आने की जरूरत नहीं है। अब तक ई-फाइलिंग सबसे बेहतर प्रणाली है। हम इसे और बेहतर बना रहे हैं… मुझे लगता है कि इससे पयार्वरण की रक्षा में भी मदद मिलेगी।”
@एजेंसी