भोपाल: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने आज कश्मीर मुद्दे पर दिए बयान पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पर प्रहार किया उन्होंने कहा कि एक तरफ अमित शाह अपनी रिपोर्ट में कश्मीरी युवकों को मुख्यधारा से जोड़ने की बात करते हैं वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर कश्मीर के लोगों के खिलाफ चल रहे मैसेज पर रोक नहीं लगा रहे।
मैंने गृह मंत्रालय को एक लेटर लिखा है जिसमें इस प्रकार के ऐसे में मैसेजऔर व्हाट्सएप पर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे दुष्प्रभाव पर रोक लगाई जाए और उन पर कार्रवाई की जाए।
इससे पहले दिग्विजय सिंह राज्यसभा में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर झूठी खबरें फैलाने और ट्रोल करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग उठा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि कई बार सोशल मीडिया पर प्रसारित फेक न्यूज ही सांप्रदायिक हिंसा का कारण बन जाता है। फेक न्यूज को ट्विटर पर फैलाने वालों को बड़े लोग भी फॉलो करते हैं।
दिग्विजय ने कहा कि लोग ट्विटर पर जहरीली भाषा का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोगों पर नकेल कसने की जरूरत है। उन्होंने कहा गृह मंत्रालय को एक लेटर लिखा है जिसमें इस प्रकार के ऐसे में मैसेजऔर व्हाट्सएप पर या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किए जा रहे दुष्प्रभाव पर रोक लगाई जाए और उन पर कार्रवाई की जाए।
क्या कहा था अमित शाह ने
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू कश्मीर में छह महीने के लिए राष्ट्रपति शासन बढ़ाने के सरकार के फैसले पर कांग्रेस की तरफ से उठाए गए सवालों को लेकर उनकी कड़ी खिंचाई की थी ।
अमित शाह ने कांग्रेस पर यह हमला उस वक्त बोला जब जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन को लेकर लोकसभा में प्रस्तावना पर बहस चल रही थी।
इसके साथ ही, अमित शाह ने जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल को सदन में पेश किया। दोनों ही प्रस्ताव गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह की तरफ से पहली बार दोपहर बाद लोकसभा में रखा गया।
जम्मू कश्मीर की स्थिति के लिए एनडीए को कसूवार न ठहराने के लिए वकालत करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- “क्यों जमात-ए-इस्लामी पर पहले प्रतिबंध नहीं लगाया गया? आप किसको खुश करना चाहते थे।