मध्यप्रदेश में कथित गोहत्या के मामले में तीन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने को लेकर कांग्रेस में ही मतभेद हो गए हैं।
एक और जहां मुख्यमंत्री कमलनाथ की पुलिस आरोपितों पर कड़े कानून लगा रही है तो वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने इस मामले पर सवाल उठाए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि गोहत्या के मामले में रासुका नहीं लगना चाहिए।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में गोवध के मामले में दो सगे भाइयों और उनके एक साथी पर पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की है।
आरोपित 2017 से गोवध के कई मामलों में आरोपित हैं। खंडवा जिले के मोघट थाने में तीनों पर गोवध के तीन से अधिक मामले दर्ज हैं। तीनों को खंडवा जिला जेल भेज दिया गया है। जल्द ही उन्हें रीवा जेल भेजने की तैयारी चल रही है।
मप्र में कमलनाथ की सरकार बनने के बाद गोवध के मामले में रासुका लगाने का यह संभवत: पहला मामला है। इस कार्रवाई के बाद अवैध रूप से मवेशियों के मांस का व्यवसाय करने वालों में हड़कंप मचा हुआ है।
यह था मामला
एक फरवरी को पुलिस को ग्राम खरकली में स्कूल के पास नाले में गोवध के बारे में सूचना मिली। पुलिसकर्मियों ने गांव पहुंचकर दबिश दी तो गोवंश वध करते हुए तीन आरोपित दिखाई दिए।
हालांकि, तीनों वहां से भाग गए थे। मौके से कुछ गोमांस भी जब्त किए गए। गोवध का केस दर्ज करने के बाद पुलिस तीनों आरोपितों की तलाश कर रही थी।
तीन फरवरी को पुलिस ने आरोपित दोनों भाई नदीम उर्फ राजू पुत्र नत्थू और शकील को गिरफ्तार कर लिया गया।
तीसरे आरोपित आजम पुत्र सलीम को चार फरवरी को पकड़ा गया। इसके बाद तीनों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया गया और कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।