इंदौर : हनी ट्रैप को लेकर पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर बड़ा हमला किया है उन्होंने कहा है की जब जीतू जिराती थे युवा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष तब श्वेता विजय जैन युवा मोर्चा की महामंत्री थी कि नहीं यह पता लगा लें, दिग्विजय सिंह ने यह भी कहा उस वक्त महाराष्ट्र युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे निलंगेकर, जो फिलहाल फडणवीस सरकार में मंत्री है, जब श्वेता जैन का वीडियो वायरल हुआ तो वे महाराष्ट्र में किसके साथ थीं, दिग्विजयसिंह बोले यह भी पता लगाएं कि मध्यप्रदेश के एक कलाकार सागर में विजय जैन की दुकान का उद्घाटन करने गए थे कि नहीं, दिग्गी बोले बीजेपी का कलाकार कौन यह सभी को पता है।
जीतू जिराती का पलटवार
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जीतू जिराती का पलटवार,कहा युवा मोर्चा की महामंत्री नहीं थी श्वेता जैन, सिर्फ युवा मोर्चा की कार्यकारिणी सदस्य थी, मैं श्वेता जैन को जानता हूं लेकिन युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरी कभी नहीं हुई उनसे चर्चा,जीतू जिराती बोले दिग्विजय सिंह आरोप लगाने से पहले तथ्यों की जांच नहीं करते, हनी ट्रैप मामले का राजनीतिकरण न करें कांग्रेस, श्वेता जैन के पति विजय जैन को लेकर बोले जीतू जिराती, वह भी पार्टी के कार्यकर्ता रहे ।
एमपी में हुए हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले में जैसे जैसे राज खुलते जा रहे है वैसे वैसे सियासत भी गर्माने लगी है। अफसरों और नेताओं के नाम सामने आने के बाद बीजेपी-कांग्रेस द्वारा एक दूसरे पर बयानों की बौछार की जा रही है।
हनी ट्रैप मामले में मंत्री जीतू पटवारी का बड़ा बयान
अब कैबिनेट मंत्री जीतू पटवारी का बयान सामने आया है। जीतू ने ऐसी घटनाओं को चिंता का विषय बताया है।जीतू का कहना है कि ऐसी घटनाएं राजनीतिक जीवन में काम करने वाले लोगों को बदनाम करती हैं। हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि चाहे राजनेता हो या ब्यूरोक्रेट्स या फिर कोई अन्य व्यक्ति जो दोषी होगा उस पर कार्रवाई होगी।
‘हनी ट्रैप’ का पर्दाफाश
राजनेताओं और नौकरशाहों ने मिलकर इंदौर में नगर निगम के एक इंजीनियर से FIR दर्ज कराई गई। केस दर्ज होने के बाद गैंग की पांच महिला और एक पुरुष के ठिकानों पर नजर रख रही ATS ने ऑपरेशन ‘हनी ट्रैप’ का पर्दाफाश किया।
ATS ने अपने स्तर पर कार्रवाई करने के बाद पूरे मामले को इंदौर पुलिस को सौंप दिया। जांच एजेंसी के पास तमाम राजनेताओं और नौकरशाहों के वीडियो मौजूद हैं जिनकी वजह से उन्हें गैंग के सदस्य ब्लैकमेल कर रहे थे।बता दें कि मध्य प्रदेश के राजगढ़, छतरपुर और भोपाल की पांच महिलाओं ने मिलकर हनी ट्रैप का संगठित रैकेट तैयार किया था।
राजनेताओं और अफसरों के दिल की धड़कनें तेज
इस रैकेट के जरिए वो राजनेताओं और सीनियर अफसरों को हनी ट्रैप में फंसाने का काम करती थीं। आरोपियों ने कई राजनेताओं और अफसरों की सीडी बनाकर उन्हें ब्लैकमेल किया और करोड़ों रुपए के व्यारे-न्यारे किए। जब प्रदेश में इसका दखल बढ़ने लगा तो नेताओं और अफसरों के बीच खलबली मच गई, लेकिन बदनामी के डर की वजह से कोई भी राजनेता या अफसर सामने नहीं आया।
हालांकि वो सब किसी तरह से इस रैकेट के मकड़जाल से निकलना चाहते थे। इसलिए राजनेताओं और अफसरों के इस गठबंधन ने मौके को तलाशना शुरू किया और इंदौर के एक सरकारी इंजीनियर के जरिए उन्हें बड़ा मौका मिल गया।
फिलहाल, उन राजनेताओं और अफसरों के दिल की धड़कनें तेज हैं जिनके वीडियो इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में कैद हैं। अब जांच एजेंसियों को तय करना है कि उन वीडियो में छुपे नामों को वो किस तरीके से सामने लाएगी या फिर शिकायतकर्ताओं के अभाव में जांच बस एक इंदौर के सरकारी अधिकारी तक ही सिमट कर रह जाएगी।