भोपाल: मध्य प्रदेश के भोपाल से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 26/11 मुंबई हमले में शहीद हुए एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया है। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि मैंने उनसे (हेमंत करकरे) कहा था कि तुम्हारा सर्वनाश होगा। ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था और ठीक सवा महीने में जिस दिन आतंकवादियों ने इसको मारा उस दिन उसका अंत हुआ। मुंबई एटीएस प्रमुख स्वर्गीय हेमंत करकरे पर प्रज्ञा ठाकुर की इस टिप्पणी पर सियासत गरमा गई है। भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार और पार्टी के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने प्रज्ञा ठाकुर के बयान पर सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि सेना और शहीदों पर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए।
हेमंत करकरे एक ईमानदार और प्रतिबद्ध अधिकारी थे जिन्होंने एक आतंकवादी हमले में मुंबई के लोगों के लिए शहादत प्राप्त की थी।” दरअसल भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को ही उम्मीदवार बनाया है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “चुनाव आयोग ने स्पष्ट कहा है कि सेना और शहीदों पर कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं की जानी चाहिए। हेमंत करकरे एक ईमानदार और प्रतिबद्ध अधिकारी थे जिन्होंने एक आतंकवादी हमले में मुंबई के लोगों के लिए शहादत प्राप्त की थी।” दरअसल भोपाल में दिग्विजय सिंह के खिलाफ बीजेपी ने प्रज्ञा ठाकुर को ही उम्मीदवार बनाया है।
बता दें कि 18 अप्रैल को भोपाल में बीजेपी उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने हेमंत करकरे को लेकर एक बयान दिया, जिससे पर विवाद बढ़ गया है। इसमें उन्होंने कहा, “हेमंत करकरे को मुंबई बुलाया, उस समय मैं मुंबई जेल में बंद थी। राष्ट्रीय सुरक्षा आयोग के एक सदस्य ने हेमंत करकरे को कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वी को छोड़ दो, सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है, लेकिन वो व्यक्ति कहता है कि मैं कुछ भी करूंगा सबूत लेकर के आऊंगा। मैं कहीं से सबूत लेकर आऊंगा लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ूंगा। ये उसकी कुटिलता थी, ये उसका देशद्रोह था, ये धर्म विरूद्ध था। आपको विश्वास करने में थोड़ी देर लगेगी, लेकिन मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा। मैंने कहा सर्वनाश होगा, ठीक सवा महीने में सूतक लगता है। जिस दिन मैं गई थी उस दिन इसके सूतक लग गया था। ठीक सवा महीने में जिस दिन इसे (हेमंत करकरे) को आतंकवादियों ने मारा उस दिन इस सूतक का अंत हो गया।”