मुंबई – सत्ता के गलियारों में इस बात की जोर-शोर से चर्चा है कि इस साल ऐक्टर दिलीप कुमार का नाम भारत रत्न सम्मान के लिए तय किया जा सकता है । यह मुस्लिम समुदाय में बीजेपी की सकारात्मक छवि निर्माण की ओर एक बड़ा कदम साबित होगा।
विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, 93 वर्षीय दिलीप कुमार के बारे में रूटीन सूचनाएं अलग-अलग स्रोतों से इकट्ठा की जा रहीं हैं। इस सूत्र का कहना है,’जब किसी को पद्म सम्मान या भारत रत्न देना होता है तो यह सामान्य प्रक्रिया है।’
यदि केंद्र दिलीप कुमार को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा करता है तो एक बड़ा प्रश्न यह भी उठता है कि क्या खराब स्वास्थ्य की वजह वह इस सम्मान को लेने के लिए नई दिल्ली आ पाएंगे?
हालांकि, इसके जवाब में एक आधिकारिक सूत्र का कहना है कि जिस तरह से दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड शशि कपूर को उनके आवास पर जाकर दिया गया है उसी तरह भारत रत्न भी दिलीप कुमार को मुंबई में जाकर दिया जा सकता है।
पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी को को जिस तरह से राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने परंपरा से हटकर उनके आवास पर जाकर भारत रत्न प्रदान किया था, उसी तरह से गृह मंत्री राजनाथ सिंह मुंबई जाकर दिलीप कुमार को यह सम्मान दे सकते हैं।
पाकिस्तान में पैदा हुए मुहम्मद यूसुफ खान, जिन्हें बाद में दिलीप कुमार के नाम से भी जाना गया, ने अपने करियर की शुरुआत ‘ज्वार-भाटा’ फिल्म से 1944 में की थी। 1991 में उन्हे पद्म भूषण से, 1994 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से और 2015 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया।
महाराष्ट्र के एक वरिष्ठ नौकरशाह ने कहा कि केंद्र से अब तक भारत रत्न के मुद्दे पर कोई बात नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘ हालांकि, पद्म भूषण, पद्म विभूषण और पद्मश्री अवॉर्ड देने से पहले राज्यों से सलाह मशविरा लेने का कोई प्रावधान नहीं है। यहां तक की कई बार केंद्र ऐसी शख्सियतों को भी सम्मानित कर देता है जिनका नाम राज्य की लिस्ट में होता ही नहीं है।’