कोहिमा – नगालैंड के दीमापुर में दुष्कर्म के एक आरोपी को भीड़ द्वारा जेल से घसीट कर मारे जाने की घटना को लेकर विवाद दिनों दिन गहराता जा रहा है। नगालैंड सरकार ने गुरूवार को एक आधिकारिक बयान में कहा है कि मीडिया में आई ये खबरें पूरी तरह गलत हैं कि उसने इस घटना के बारे में केन्द्रीय गृहमंत्रालय को भेजी रिपोर्ट में कहा है कि मारे गए आरोपी और शिकायकर्ता महिला के बीच संबंध आपसी सहमति से बने थे। इसमें दुष्कर्म जैसी कोई बात नहीं थी।
राज्य के मुख्य सचिव पंकज कुमार ने इस बारे में सरकार का स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि केन्द्र को भेजी गई रिपोर्ट में ऎसी किसी बात का उल्लेख नहीं किया गया है। शिकायतकर्ता महिला ने 24 फरवरी को पुलिस में यह मामला दर्ज कराया था कि उसके साथ दुष्कर्म किया गया है। इस शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी थी और इसके तहत आरोपी और शिकायतकर्ता महिला दोनों की मेडिकल जांच की गई और नमूने गुवाहाटी स्थित सीएफएसएल प्रयोगशाला भेज दिए गए थे।
कुमार ने मीडिया से अपील की कि जबतक इस मामले की जांच हो रही है वे लोग कृपा करके इस बारे में अटकलबाजियों के आधार पर खबरें नहीं बनाएं। ऎसा करना न्यायिक प्रक्रिया और शांति के हित में नहीं होगा। ऎसे समय में जबकि राज्य सरकार मामले की जांच करा रही है, मीडिया की ओर से इस तरह की उलटी खबरें चलाने से राज्य में विभिन्न समुदायों के बीच तनाव बढ़ सकता है जिससे पहले से ही बने तनावपूर्ण हालात और बिगड़ सकते हैं।
इस बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक एल एल दुंगल ने भी मीडिया की खबरों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि वह इस तरह की उलटी खबरें कैसे दे सकती है। दीमापुर की जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी सैयद शरीफ खान को उग्र भीड़ द्वारा घसीट कर माने जाने की घटना पांच मार्च को हुई थी। इसे लेकर नगालैंड और असम में भारी तनाव पैदा हो गया था।
केन्द्र ने इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार से घटना के बारे में विस्तृत रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया था। राज्य सरकार ने 11 मार्च को यह रिपोर्ट केन्द्र को भेजी थी। इस रिपोर्ट के बारे में मीडिया में यह खबरें आई कि राज्य सरकार ने इसमे कहा है कि यह मामला दुष्कर्म का नहीं बल्कि आपसी सहमति का था।