डिंडौरी : डिंडौरी आदिवासी जिला डिंडौरी के विकासखण्ड समनापुर स्थिति भारतीय स्टेट बैंक के कालातीत ऋणों की वसूली कर शाखा प्रबंधक परमेश्वर दयाल कुमार द्वारा शासन के खाते में पूर्ण राशि जमा न करते हुए हेराफेरी किया जा रहा है।
समनापुर विकासखण्ड मुख्यालय सहित आसपास के गांवों में पिछले कई वर्षों से शाखा प्रबंधक द्वारा ऋणों की वसूली हेतु मुहिम छेड़ रखी है और इस मुहिम पर कामयाबी भी मिली है लेकिन विभाग के उच्चाधिकारियों ने यह जानने की कभी कोशिश ही नहीं की, कि बैंक मैनेजर खातेदारों से कितनी राशि वसूल रहा है और शासन के खाते में कितनी राशि जमा कर रहा है।
मामला तब सामने आया जब बैंक मैनेजर द्वारा समनापुर मुख्यालय के ही कुछ कालातीत ऋणों की वसूली कर हेराफेरी करते हुए शासन के खाते में पूर्ण राशि जमा न करने की बात कुछ खाते धारियों ने कही।
खाता क्र.156207023 द्वारा PMRY योजना के तहत 19/1/2002 में जनरल स्टोर्स के नाम पर 85 हजार का ऋण स्वीकृत कराया था लेकिन पूर्व में जमा किए गए राशि का बैंक द्वारा पूर्ण विवरण न दिए जाने के कारण ग्राहक द्वारा खाते में राशि जमा करना बंद कर दिया।
2017 जनवरी में ग्राहक द्वारा वर्तमान बैंक मैनेजर को पूर्व में लिये गये ऋण की सूचना देते हुए एकमुश्त राशि जमा कर खाता बदं करने की पेशकश की, लेकिन चालाक मैनेजर ने ग्राहक के बात को न मानने हुए 85 हजार के ऋण को ब्याज लगा 314781 रुपये का नोटिस थमा दिया गया व ग्राहक के एक अन्य खाते को बार बार होल्ड करने लगा।
2017 बीतने के बाद ग्राहक को बैंक मैनेजर द्वारा फिर एक स्कीम बताया गया कि एकमुश्त एक लाख रुपये जमा कर खाता बंद करा लो
एकमुश्त समझौता के अंतर्गत बकाया ऋण की समझौता कार्यवाही में जमा अंशपूंजी राशि का समायोजन नहीं किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत ऋणी द्वारा एक लाख रुपये की राशि एकमुश्त रूप से संपूर्ण देय करने के बाद भी समझौते के तहत ऋणी व्यक्ति को दी गई छूट व जमा की राशि का उल्लेख करते हुए प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है। प्रमाण पत्र में ऋणी का नाम व खाता क्रमांक दर्शाया गया है जिससे यह पता लगाना मुश्किल है कि शाखा प्रबंधक द्वारा ऋणी ग्राहक से कितनी राशि लेकर बैंक को अदा किया गया। प्रमाण पत्र में ऋणी व्यक्ति द्वारा भुगतान किए गए राशि तथा योजना के अंतर्गत ऋणी व्यक्ति को दी गई छूट की राशि का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए लेकिन शाखा प्रबंधक द्वारा ऋषियों को जमा पर्ची व विवरण नहीं बताया जा रहा है।
बैंक मैनेजर परमेश्वर दयाल कुमार से जब ऋणी व्यक्ति ने पर्ची व विवरण मांगा तो उन्होंने यह कहकर पल्ला झाड़ लिया कि प्रमाणपत्र तुम्हें मिल चुका है जमा पर्ची व विवरण से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन ऋणी व्यक्ति द्वारा इस मामले को मीडिया के सामने लाने की धमकी देने पर 50हजार रुपये की जमा पर्ची तथा 17 हजार की पर्ची बैंक मैनेजर द्वारा दी गई,
ऋणी द्वारा एकमुश्त एक लाख रुपये जमा करने पर टूकड़ों में जमा पर्ची देना और बाकी राशि की पर्ची 10/2/2018 के बाद देने को कहा सोचने वाली बात तो यह है कि जब खाता बंद करने का प्रमाण पत्र 10/1/2018 को दे दिया तो 10/2/2018 को किस खाते में प्रबंधक शेष राशि जमा करेगा। इस बात को लेकर शाखा प्रबंधक व ऋणी व्यक्ति के बीच तना तनी होने के बाद 30 हजार रुपये वापस करते हुए बात को उजागर न करने की बात कही ।
और इधर अनेक मामले सामने आ रहे हैं जैसे खाता क्रमांक 35871886881,01562060036 अन्य जिन्हें लाखों रुपए जमा करने के बाद पर्ची नहीं दी गई केवल प्रमाणपत्र थमा दिया गया जिससे यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि शाखा प्रबंधक द्वारा बैंक के खाते में कितनी राशि जमा की गई और कितनी राशि को गोलमाल कर दिया गया जांच करने पर करोड़ों का हेराफेरी सामने आ सकता है।
जिले में भारतीय स्टेट बैंक पहली ऐसी शाखा है जहां शाखा प्रबंधक की तानाशाही के चलते आहरण पर्ची से पैसे नहीं निकाले जा सकते और एटीएम हमेशा रहता है बंद पासबुक इंट्री मशीन भी शाखा में बना है शो पीस आखिर ग्राहक करे तो क्या करे। जनपद समनापुर के ग्रामीण खाता धारकों ने शासन प्रशासन से मांग की है कि समनापुर शाखा में जांच कर शाखा प्रबंधक पर कार्रवाई करे।
रिपोर्ट @दीपक नामदेव