चुनाव आयोग भले ही ईवीएम हैक न होने के दावे कर रहा हो, लेकिन हाल में आरटीआई के माध्यम हुए एक खुलासे की तस्वीर कुछ और ही बताती है। महाराष्ट्र के बुलढाना जिला कलेक्टर ने इस बात की पुष्टि भी की है।
अनिल गलगली ने आरटीआई के माध्यम से फरवरी में हुए महाराष्ट्र निकाय चुनाव की जानकारी मांगी थी। आरटीआई के जवाब में कलेक्टर ने बताया गया कि निर्दलीय उम्मीदवार को वोट करने पर ईवीएम में भाजपा के आगे की एलईडी लाइट जल रही थी। इसकी जानकारी निर्वाचीत अधिकारी ने जिला अधिकारी को दी थी।
कलेक्टर ने बताया कि यह गड़बड़ी बुलढाना के सुलतानपुर के पोलिंग स्टेशन नंबर 56 पर 16 फरवरी को हुई। इस मामले पर अनिल गलगली ने बताया कि जब कोई वोटर निर्दलीय उम्मीदवार नंबर 1 को वोट देता तो भाजपा के आगे की लाइट जलती थी।
ईवीएम में मिली गड़बड़ी के बाद निर्दलीय उम्मीदवार आशा अरुण जोरे ने अपनी शिकायत दर्ज कराई। हालांकि चुनाव अधिकारी ने उस वक्त कोई कार्रवाई नहीं की। वोटिंग का आधा समय निकल जाने के बाद चुनाव अधिकारी ने ईवीएम में खराबी का हवाला देते हुए पोलिंग बूथ बंद कर दिया। बाद में 21 फरवरी को उस पोलिंग स्टेशन पर दोबार वोटिंग हुई।
गलगली ने जोरे की शिकायत के बारे में जानने के लिए आरटीआई दायर की थी। गलगली का कहना है कि चुनाव आयोग कैसे ईवीएम को पूरी तरह से सही बता सकता है जब इस तरह की घटनाएं हो रही है। भविष्य में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए चुनाव आयोग को कोई अन्य विकल्प खोजना चाहिए।