देशभर में आस्था उल्लास के साथ शुक्रवार को नागपंचमी का त्यौहार मनाया गया। हिन्दू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास की शुक्ल पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। देश के कई हिस्सों में हालांकि कल भी नागों को पूजा गया।
शिव भक्तों के लिए श्रावण महीने का विशेष महत्व होता है। यह महीना पूर्ण रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है और भगवान शिव के जीवन में सांपों का विशेष स्थान रहा है इसलिए यह दिन शिव भक्तों के लिए और भी खास हो जाता है।
VIRAL VIDEO : Nagmani Found On Cobra Head नागपंचमी से पहले, नाग के सिर से मिली नागमणि
क्यों मनाई जाती है नाग पंचमी ?
हिन्दू पौराणिक कथाओं में नागों का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। उन्हें पाताल लोक और नाग लोक का निवासी माना गया है, नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा इसलिए की जाती है ताकि वह नकारात्मक ऊर्जा से हमारे परिवार की रक्षा करें। इस त्योहार के साथ ऐसी ही बहुत सारी कहानियां और किवदंतियां जुड़ी हुई हैं।
कालिया मर्दन से जुड़ी कथा
एक पौराणिक कथा के अनुसार यमुना नदी में कालिया नामक सांप ने अपना अधिकार जमा रखा था। जिसके विष (जहर) के कारण ब्रजवासियों का पानी पीना मुश्किल हो गया था। तब विष्णु भगवान के अवतार श्री कृष्ण ने कालिया नाग को युद्ध में हराया और यमुना नदी से सारा विष वापस लेने पर मजबूर कर दिया। इसके बदले में भगवान कृष्ण ने कालिया नाग को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि जो भी मनुष्य इस दिन (नाग पंचमी) नागों को दूध पिलाएगा और उनकी पूजा करेगा वह सभी पापों और परेशानियों से मुक्त हो जाएगा।
समुद्र मंथन से जुड़ी कथा
समुद्र-मंथन के दौरान जड़ी बूटियों और औषधियों का देवताओं और असुरों के बीच बंटवारा होना था। मगर समुद्र मंथन के दौरान अमृत के साथ-साथ विष से भरा एक पात्र भी निकला जो पूरी सृष्टि को भी नष्ट कर सकता था। तब भगवान शिव ने उस सारे विष को पी लिया जिससे उनका गला नीला पड़ गया और तभी से उन्हें नीलकंठ नाम भी मिला। इस दौरान विष की कुछ बूंदें जमीन पर गिर गई जो भगवान शिव के करीबी सांपों ने पी ली। इस विष का प्रभाव काफी तेज था, जिसे शांत करने के लिए देवताओं ने भगवान शिव और सांपों का गंगा अभिषेक किया। इस दिन के महत्व को याद करते हुए भी सांपों को दूध पिलाया जाता है।
प्राचीन धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक अगर किसी जातक की कुंडली में कालसर्प दोष हो तो उसे नागपंचमी के दिन भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करनी चाहिए। कहा जाता है कि इस दिन शिवलिंग और सांपों को दूध और चावल चढ़ाने आपके जीवन की सभी आपदाएं दूर हो जाती हैं।