रायपुर : छत्तीसगढ़ के सुकमा स्थित बुरकापाल में नक्सली हमले में 25 जवान खोने के बाद अब बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक की तैयारी है। गृह मंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, सुकमा में नक्सलियों से निपटने की कमान खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने संभाल ली है। डोभाल 2 मई को दिल्ली से लेकर सुकमा तक नक्सल ऑपरेशन में लगे अफसरों की वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक लेंगे।
इसी क्रम में नक्सलियों को चौतरफा घेरने के लिए केंद्रीय गृृह मंत्रालय में नक्सल मामलों के सलाहकार विजय कुमार ने सुकमा और डीजी नक्सल ऑपरेशन डीएम अवस्थी ने बीजापुर में डेरा डाल दिया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) के डीजी शरद कुमार की गोपनीय रिपोर्ट के बाद विजय कुमार को तीन दिन में दूसरी बार छत्तीसगढ़ भेजा गया है।
सुकमा और बीजापुर में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के आला अधिकारियों की करीब दो घंटे तक चली बैठक में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियान के लिए नया ब्लू प्रिंट तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि ऑपरेशन को तेज करने के लिए सड़क निर्माण में लगे जवानों को वापस बुला लिया गया है। नक्सल विरोधी अभियान के आला अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि ऑपरेशन तेज करने के लिए सुरक्षा बलों की जरूरत पड़ेगी, इसलिए सड़क का काम फिलहाल बंद किया गया है।
बताया जा रहा है कि केंद्र से भी ऑपरेशन पर फोकस करने का निर्देश मिला है। डीजी नक्सल ऑपरेशन अवस्थी ने साफ किया कि बस्तर में सड़क निर्माण का कार्य सबसे बड़ा ऑपरेशन है। सीआरपीएफ ने सड़क सुरक्षा से इन्कार नहीं किया है, बल्कि यह सुरक्षा के दृृष्टिकोण से रणनीतिक उपाय है।
पिछले तीन दिनों से बस्तर में डेरा डाले स्पेशल डीजी डीएम अवस्थी ने कहा कि नक्सल मोर्चे और अभियान में मानसिक मजबूती के साथ सब्र करें, जल्द अच्छे परिणाम नजर आएंगे। सभी सीआरपीएफ कैंपों में 25-30 डीआरजी के जवान भी तैनात किए जाएंगे। तीन दिन में बुरकापाल कैंप में डीआरजी के जवानों की तैनाती कर दी जाएगी। यही नहीं सीआरपीएफ के सभी कैंपों में डीआरजी के 25 से 30 जवानों की तैनाती की जाएगी जो नक्सल अभियान में सीआरपीएफ के साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।