नई दिल्ली– केंद्र सरकार के बजट को तय वक्त से पहले पेश करने के फैसले के बाद सरकार और विपक्ष में एक और टकराहट देखने को मिल सकती है। दरअसल कांग्रेस समेत 16 विपक्षी पार्टियों ने राष्ट्रपति और चुनाव आयोग को पत्र लिख कहा है कि अगर बजट तय वक्त से पहले पेश हुआ तो बीजेपी इसे आगामी विधानसभा चुनावों में भुनाने का प्रयास करेगी।
इस सप्ताह की शुरूआत में भेजे गए इस पत्र में विपक्ष ने एनडीए सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार बजट के दौरान वोटरों को रिझाने के लिए लोक-लुभावन वादे कर सकते है। विपक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि चूंकि यह बजट आगामी विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान आएगा, ऐसे में इस तरह की बजट की संभावना और बढ़ जाती है।
विपक्ष ने अपने पत्र में राष्ट्रपति और चुनाव आयोग से आग्रह किया कि चुनाव, स्वतंत्र और निष्पक्ष हो इसके लिए जरूरी है कि सरकार को जल्दी बजट लाने से रोका जाना चाहिए। विपक्ष ने अपने पत्र में कहा है कि पहले भी चुनावों को ध्यान में रखकर बजट देरी से पेश किया जा चुका है।
2012 में यूपीए ने देरी से बजट किया था पेश
विपक्ष ने पत्र में कहा कि 2012 में भी चार राज्यों, उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर, में चुनाव होने वाले थे। इन राज्यों के चुनाव में बजट का प्रभाव न पड़े इसलिए यूपीए सरकार ने बजट को 16 मार्च तक के लिए आगे बढ़ा दिया था।
इस पत्र में कांग्रेस की तरफ से गुलाम नबी आजाद ने हस्ताक्षर किए हैं। अन्य हस्ताक्षर करने वाले नेताओं में सीपीआई(एम) के सीताराम येचूरी, सपा के राम गोपाल यादव और जेडयू के शरद यादव शामिल हैं।
बता दें कि मंगलवार (3 जनवरी) को संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने बजट सत्र को 31 जनवरी से शुरू करने का फैसला लिया था। इस फासले के मुताबिक वित्त मंत्री अरूण जेटली 1 फरवरी को बजट पेश करेंगे। यानि इस बार बजट तय समय से लगभग 3 हफ्ते पहले पेश किया जाएगा। अमूमन बजट इससे पहले हर साल 28 फरवरी को पेश होता था।