नई दिल्ली – कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भारतीय सेना की पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक की कार्रवाई पर सवाल उठाया है। उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा को घेरते हुए सर्जिकल स्ट्राइक को फर्जी करार दिया। वहीं कांग्रेस पार्टी ने संजय निरूपम के बयान से किनारा कर लिया है। पार्टी ने कहा है कि उस डीजीएमओ के दिए गए बयान पर पूरा भरोसा है। सेना पर अविश्वास होने की कोई वजह नहीं है।
महाराष्ट्र के कांग्रेस नेता की टिप्पणी भारतीय सेना द्वारा 28 सितंबर की रात नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और इसमें आतंकवादियों के सात ठिकाने ध्वस्त करने के बाद आई है।
निरूपम ने ट्वीट किया, ”प्रत्येक भारतीय पाकिस्तान के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक्स चाहता है लेकिन भाजपा द्वारा राजनीतिक फायदे के लिए फर्जी वाली नहीं। देश के हितों पर राजनीति।” उनका ट्वीट ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत पेश करने की मांग कर रही है। कांग्रेस की ओर से सोमवार को कहा गया कि उसकी सरकार के समय भी इस तरह की कार्रवार्इ हुई थी लेकिन उन्होंने इसे हवा नहीं दी।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वीडियो जारी कर पीएम मोदी से सबूत पेश करने को कहा था। उन्होंने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक के बाद से पाकिस्तान बौखला गया है। वह अंतरराष्ट्रीय पत्रकारों को सीमा पर लेकर गया है। यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि सर्जिकल स्ट्राइक तो हुर्इ ही नहीं। इसे झूठ साबित करने के लिए सबूत दिए जाएं।
केजरीवाल के इस वीडियो पर मंगलवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार करते हुए कहा कि केजरीवाल देश की सेना पर शक कर रहे हैं। यदि उन्हें शक नहीं है तो फिर पाकिस्तान के झूठे प्रचार से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। प्रसाद ने कांग्रेस नेता पी चिदंबरम पर भी निशाना साधते हुए कहा कि क्या वे भी सेना के जवानों के सर्जिकल स्ट्राइक कर सकने की योग्यता पर सवाल उठाने वालों में शामिल हैं। चिदंबरम ने एक अखबार को इंटरव्यू में कहा था कि उनकी सरकार के समय जनवरी 2013 में पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी।
‘यूपीए के शासनकाल में भी हुआ था सर्जिकल स्ट्राइक’
इससे पहले पूर्व गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा था कि भारतीय सेना ने पहले भी नियंत्रण रेखा पार कर के सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया था। चिदंबरम ने कहा था कि यूपीए-2 सरकार के समय सेना ने जनवरी 2013 में बड़ा हमला किया था। चिदंबरम ने यह भी कहा कि इस हमले को भारत की पाकिस्तान के प्रति नीति में बदलाव की मिसाल के रूप में देखना जल्दबाजी होगी। [एजेंसी]