नई दिल्ली – रिटायर हो रहे चुनाव आयुक्त वीएस संपत ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में नरेंद्र मोदी की रैली की इजाजत न देना एक सही फैसला था। लोकसभा चुनाव के दौरान जिला प्रशासन ने मोदी की रैली की इजाजत नहीं दी थी और संपत ने इस फैसले का साथ दिया था। उन्होंने जिला प्रशासन के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया था।
गुरुवार को उन्होंने कहा कि उन्हें इस फैसले पर कोई अफसोस नहीं है। संपत ने कहा, ‘चुनाव एक ऐसा मुकाबला है जो बराबर मैदान पर होता है। सामने वाले शख्स का कद कितना भी बड़ा क्यों न हो, चुनाव आयोग का फर्ज है कि उसके कद से प्रभावित हुए बिना हालात से निपटे।’
इस बारे में सवाल पूछे जाने पर संपत ने कहा, ‘जब आपके सामने कोई ऐसी स्थिति आती है जिससे कानून के मुताबिक एक खास तरह से निपटना होता है तो फिर ऐसा करना ही पड़ता है। इस तरह के मामलों पर चुनाव आयोग के पास पुनर्विचार या दोहरे विचार की गुंजाइश नहीं होती।’
संपत ने कहा कि उस रैली के बारे में जो भी फैसला लिया गया वह पूरी तरह कानून के तहत था और ऐसे लोगों ने लिया था जिन्हें ऐसे फैसले लेने का अधिकार था।