जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कफील अपने सीनियर अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बार में पहले ही इत्तला कर चुके थे। इसके अलवा रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि तब कफील बीआरडी में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज नहीं थे।
गोरखपुर में 2017 में हुए ऑक्सीजन कांड में मारे गए 60 बच्चों की मौत के मामले में आरोपी डॉ. कफील खान को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया है।
उत्तर प्रदेश के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अगस्त 2017 में ऑक्सीजन की कमी से बच्चों की मौत के मामले में डॉ. कफील खान को आरोपी बनाया गया था और उन्हें सस्पेंड भी कर दिया गया था। लेकिन अब प्रमुख सचिव खनिज और भूतत्व विभाग की अगुवाई में हुई जांच के बाद डॉक्टर कफील पर लगाए गए आरोपों में सच्चाई नहीं पाई गई। रिपोर्ट के मुताबिक, कफील ने घटना की रात बच्चों को बचाने की पूरी कोशिश की थी। इस तरह डॉ. कफील पर लगाए गए सभी आरोप गलत पाए गए। जांच की रिपोर्ट गुरुवार को बीआरडी अधिकारियों ने कफील को दी।
गौरतलब है कि गोरखपुर ऑक्सीजन कांड में लगे आरोप के लिए कफील को 9 महीने जेल में बिताना पड़ा था। इसके बाद वे बेल पर थे. हालांकि, अभी तक वो सस्पेंड चल रहे थे। डॉ. काफील ने इस मामले में सीबीआई जांच की भी मांग की थी। रिपोर्ट में कहा गया था कि कफील ने लापरवाही नहीं की थी और उस रात (10-11 अगस्त 2017) स्थिति पर काबू पाने के लिए सभी तरह के प्रयास किए थे।
जांच की रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. कफील अपने सीनियर अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी के बार में पहले ही इत्तला कर चुके थे। इसके अलवा रिपोर्ट में यह भी मेंशन है कि तब कफील बीआरडी में इंसेफेलाइटिस वार्ड के नोएल मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज नहीं थे।