नई दिल्लीः झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने आज NDA की ओर से राष्ट्रपति पद के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। इस मौके पर PM मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह सहित पार्टी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। द्रौपदी मुर्मू ने 4 सेटों में नामांकन दाखिल किया गया।
द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति उम्मीदवारी के लिए पीएम मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, ललन सिंह, पशुपति पारस, रेणु देवी और तारकिशोर प्रसाद प्रस्तावक रहे। नामांकन दाखिल करने से पहले मुर्मू ने संसद में महात्मा गांधी, डॉ अंबेडकर और बिरसा मुंडा की मूर्तियों पर श्रद्धांजलि अर्पित की। 29 जून को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है।
इससे पहले गुरुवार को द्रौपदी मुर्मू PM मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री शाह और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। इसके बाद केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी के घर पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नामांकन के लिए प्रस्तावक और समर्थक के तौर पर नॉमिनेशन पेपर पर हस्ताक्षर किए गए।
आंध्र प्रदेश के CM जगनमोहन रेड्डी ने गुरूवार को ऐलान किया है कि उनकी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करेगी। CM जगन का मानना है कि मुर्मू का समर्थन करना SC, ST, BC और अल्पसंख्यक समुदायों के प्रतिनिधित्व पर हमेशा जोर देने की उनकी विचारधारा के अनुरूप है। जगन बिजी शेड्यूल के कारण मुर्मू द्वारा नामांकन दाखिल करने में शामिल नहीं हो पाएंगे। हालांकि, राज्यसभा सांसद विजयसाई रेड्डी और लोकसभा सांसद मिधुन रेड्डी मौजूद रहेंगे।
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू
द्रौपदी मुर्मू ओडिशा से आनेवाली आदिवासी नेता हैं। झारखंड की नौंवी राज्यपाल रह चुकीं द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक रह चुकी हैं। वह पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें राज्यपाल बनाया गया। इससे पहले BJP-BJD गठबंधन सरकार में साल 2002 से 2004 तक वह मंत्री भी रह चुकी हैं।
देश को मिल सकत है पहला आदिवासी राष्ट्रपति
देश में अब तक आदिवासी समुदाय का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बन पाया है। महिला, दलित, मुस्लिम और दक्षिण भारत से आने वाले लोग राष्ट्रपति बन चुके हैं, लेकिन आदिवासी समुदाय इससे वंचित रहा है। ऐसे में यह मांग उठती रही है कि दलित समाज से भी किसी व्यक्ति को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाया जाए।
वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। अगले महीने की 25 तारीख को देश को नया राष्ट्रपति मिलेगा। 15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ती है, तो यह 18 जुलाई को कराए जाएंगे और 21 जुलाई को ही नतीजे आ जाएंगे।
देश में अब तक आदिवासी समुदाय का कोई व्यक्ति राष्ट्रपति नहीं बन पाया है। महिला, दलित, मुस्लिम और दक्षिण भारत से आने वाले लोग राष्ट्रपति बन चुके हैं, लेकिन आदिवासी समुदाय इससे वंचित रहा है। ऐसे में यह मांग उठती रही है कि दलित समाज से भी किसी व्यक्ति को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाया जाए।
वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। अगले महीने की 25 तारीख को देश को नया राष्ट्रपति मिलेगा। 15 जून को नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है। अगर चुनाव कराने की जरूरत पड़ती है, तो यह 18 जुलाई को कराए जाएंगे और 21 जुलाई को ही नतीजे आ जाएंगे।
ये पार्टियां भी कर रही समर्थन
- ओडिशा की बीजू जनता दल पहले ही मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर चुकी है।
- मेघालय जनतांत्रिक गठबंधन (MDA) ने भी समर्थन करने की घोषणा की है।
- RSS के एक संगठन अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम ने द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाए जाने के निर्णय को ऐतिहासिक करार दिया है।
- सिक्किम के मुख्यमंत्री और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के अध्यक्ष प्रेम सिंह तमांग ने राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी का समर्थन किया है।
- बिहार की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने भी समर्थन करने की घोषणा की है।
- LJP (रामविलास) भी मुर्मू के समर्थन की घोषणा कर चुकी है।