जम्मू-कश्मीर में गुरुवार-शुक्रवार की मध्य रात्रि को करीब 12 बजे भीड़ ने नौहट्टा की जामिया मस्जिद के बाहर जम्मू-कश्मीर के डिप्टी एसपी मोहम्मद अयूब पंडित को पीट-पीट कर मार डाला। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने इस शर्मनाक हरकत करार देते हुए इसकी कड़ी निंदा की है।
उन्होंने कश्मीरी लोगों को चेतावनी दी है कि वह सुरक्षाबलों के सब्र का इम्तिहान न लें। इस घटना के बाद से पुलिस अधिकारी के परिवार वाले और करीबी गुस्से में है और वह इस बात पर यकीन नहीं कर पा रहे हैं। अयूब के एक करीबी महिला रिश्तेदार ने कहा, “हम किस स्थिति में पहुंच गए हैं कि बिना किसी कारण के मस्जिद के बाहर हम किसी व्यक्ति को मार देते हैं? यह सब किस धर्म में सिखाया जाता है?”
महिला रिश्तेदार ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में कहा, “क्या यही वो आज़ादी है, जिसके लिए हम लड़ रहे हैं ताकि हम लोगों को मार सकें? इस तरह की आज़ादी का हम क्या करेंगे?” जिस तरह से उन्हें (डीएसपी) उससे लोग हैरान हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारी की हत्या किसी आतंकी या फिर सेना के लोगों के हाथों नहीं हुई है। भीड़ ने उनकी हत्या है। उन लोगों ने एक निर्दोष की जान ले ली। महिला ने हुर्रियत नेताओं से पूछा कि कश्मीर किस तरह का समाज बन गया है। उन्होंने मारे गए अधिकारी पंडित की पत्नी और बच्चों का हवाला देते हुए कहा कि भीड़ ने एक इंसान की जान नहीं ली है बल्कि उनके साथ तीन और लोगों की जान ली है। हमारे बच्चे अनाथ हो गए हैं।
सीएम महबूबा मुफ्ती की चेतावनी
पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि देने के बाद जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा कि इससे बड़ा कोई भी शर्मानाक वाकया नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि हमारी पुलिस लोगों से बहुत सयंम के साथ निपटती है। अगर पुलिसवालों के साथ ऐसा सुलूक किया जाएगा तो पुलिसवालों का सब्र भी टूट जाएगा और फिर वे इन लोगों को अपने तरीके से जवाब देंगे। पुलिस ने इन्हें जवाब दिया तो कहीं ऐसा न हो कि पुराना वक्त फिर से आ जाए और सड़कों पर पुलिस की गाड़ी देखते ही लोगों को भागना पड़े। अधिकारी की मौत के मामले की जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक (डीजी) एसपी वैद ने बताया कि दो आरोपियों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है, और अन्य लोगों को भी पकड़ने की कोशिश की जा रही है। अधिकारी की जान लेने में शामिल सभी लोगों को कानून का सामना करना होगा।