भोपाल। मध्य प्रदेश के किसानों की फसल का ऋण मुक्ति योजना में प्रकरण की मंज़ूरी मिल गई है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार ने चुनाव आयोग से प्रदेश के लगभग पांच लाख किसानों के खाते में किसान कर्ज माफी की राशि भेजने की अनुमति मांगी थी।
चुनाव आयोग ने राज्य सरकार को मंजूरी देते हुए कहा है कि यह व्यवस्था उन क्षेत्रों में सशर्त लागू होगी जहां वोटिंग हो चुकी है। चुनाव आयोग ने कृषि विभाग के प्रस्ताव पर यह अनुमति दी है।
अनुमति मिलने से उन किसानों को बड़ी राहत मिली है जिनके प्रकरण चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले मंजूर हो गए थे लेकिन आचार संहिता के कारण इस पर रोक लग गई थी। हाल ही में कृषि विभाग से चुनाव आयोग से मंज़ूरी मांगी थी।
चुनाव आयोग ने कृषि विभाग के प्रस्ताव पर यह अनुमति दी है। साथ ही यह भी साफ कर दिया कि कोई नए प्रकरण स्वीकृत नहीं किए जाएंगे। अनुमति मिलने से चुनाव पूरा होने तक लगभग साढ़े चार लाख किसानों को कर्जमाफी मिल जाएगी।
वहीं इस फैसले पर कमलनाथ के मंत्री जयवर्धन सिंह का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि अब तक सहकारी बैंक के 50 हज़ार तक के कर्ज माफ़ हुए थे। अब राष्ट्रीयकृत बैंक के 2 लाख के कर्जमाफी की प्रक्रिया शुरू होगी। जयवर्धन ने यह भी कहा कि बीजेपी को जवाब मिला है. जनता के सामने कांग्रेस ने कर्ज माफ किया है।
गौरतलब है कि कृषि विभाग के प्रधान सचिव, राजेश राजोरा ने निर्वाचन आयोग को एक पत्र लिखकर पांच लाख किसानों के खाते में राशि भेजने के लिए अनुमति मांगी थी। पत्र में कहा गया था कि ऋण माफी के लिए 51.61 लाख आवेदनों में से 24.83 लाख ऋण खातों की जांच की गई।
प्रदेश के 20 लाख किसानों के खाते में ऋण माफी के लिए राशि भेजी जा चुकी है।
लेकिन 4.83 लाख किसानों के खाते में अभी तक ऋण माफी की राशि नहीं पहुंची है। इनमें वह किसान शामिल हैं जिनके कर्ज 50 हजार से कम थे या फिर जिनके खाते एनपीए हो गए हैं।
मध्य प्रदेश में पहले चरण का चुनाव हो चुका है. इसमें छह जिलों जबलपुर, बालाघाट, सीधी, मंडला, शहडोल, छिन्दवाड़ा सीटें शामिल हैं. इसके अलावा अभी 23 सीटों पर चुनाव होने बाकी हैं. इन्हीं छह सीटों पर जहां चुनाव हो चुके हैं, वहां कर्जमाफी की प्रक्रिया जारी रहेगी।