उत्तर प्रदेश के कौशाम्बी जिले में बच्ची की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत के बाद डाक्टरों से तमाम मिन्नत के बावजूद वाहन उपलब्ध ना कराने के कारण शव को साइकिल से लेकर जाने का मामला सामने आया है।
मंझानपुर तहसील क्षेत्र के मलाक सद्दी गांव निवासी दिहाड़ी मजदूर अनंत कुमार की सात माह की बेटी पूनम पिले कई दिनों से उल्टी-दस्त से पीड़ित थी। दो दिन पहले उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बच्ची को भर्ती कराने के बाद अनन्त कुमार अपने साले बृजमोहन के जिम्मे छोड़कर इलाज के लिये धन जुटाने के मकसद से मजदूरी करने इलाहाबाद चला गया था। बृजमोहन ने आज बताया कि पूनम की कल इलाज के दौरान मौत हो गई।
उसके बहुत मिन्नतें करने के बाद अस्पताल प्रशासन ने शव ले जाने के लिये वाहन उपलब्ध नहीं कराया। लाचार होकर उसने एक अन्य व्यक्ति से सायकिल मांगी तथा उसी पर शव कर करीब 10 किलोमीटर दूर अपने गांव तक ले गया।
इस मामले को लेकर एम्बुलेंस के ड्राइवर और एक डॉक्टर के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। बृजमोहन अपनी भतिजी के शव को सायकिल पर लाद कर मलाक सद्दी गांव तक गया था। मामले को लेकर अस्पताल ने भी इंक्वाइरी शुरू कर दी है। वहीं डीएम ने भी मामले को लेकर जांच के आदेश दिए हैं।
सीएमओ सुरेंद्र कुमार ने बताया कि बच्ची को सोमवार को इलाज के लिए लाया गया था। उसे उल्टी-दस्त की शिकायत थी लेकिन चेकअप करने के बाद पता चला कि बच्ची की लाते समय ही मौत हो गई थी। वहीं बच्ची के परिजनों का दावा है कि बच्ची अस्पताल में दो दिन से भर्ती थी। वहीं मामले को लेकर सीएमओ ने एक चौंकने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा- “एम्बुलेंस में फ्यूल खत्म हो चुका था जिसकी वजह से ड्राइवर ने फ्यूल के लिए पैसे मांगे थे।” वहीं सीएमएस डॉ. दीपक सिंह ने इस बात से इंकार करते हुए कहा कि परिजनों से कोई पैसे नहीं मांगे गए थे। @एजेंसी