चेन्नई : तमिलनाडु की सत्ता ‘अम्मा’ के बाद अब ‘चिनम्मा’ के हाथों में जाएगी या पन्नीरसेल्वम के इसे लेकर असमंजस बना हुआ है। इस बीच राज्यपाल सी विद्यासागर राव के बुलावे पर पलानिसामी चार और लोगों की टीम के साथ राजभवन पहुंच गए हैं। उनके साथ गए लोगों में राज्य के मंत्री जयकुमार, केए संगोटइया, एसपी वलुमनी, टीटी दिनाकरन और केपी अंजाबगन हैं।
सूत्रों का दावा है कि राज्यपाल पलानीसामी को सरकार बनाने के लिए बहुमात साबित करने के लिए कह सकते हैं। खबर है कि पलानीसामी के पास 120 विधायकों का समर्थन हैं और सारे कागजात हैं जो उनाक सरकार बनाने का दावा मजबूत करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ पन्नीरसेल्वम खेमा उनको पार्टी से निकाले जाने के खिलाफ चुनाव आयोग जाने की तैयारी में है ताकि पलानीसेमी के हाथों में सत्ता जाने से रोक सके।
सात्रों का कहना है कि राज्यपाल पलानीसामी से मुलाकात के बाद शाम को ही उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिला सकते हैं।
इससे पहले खबर थी कि पलानीसामी को 1 हफ्ते की भीतर सदन में बहुमत सिद्ध करने को कहा जा सकता है। राजभवन के सूत्रों का कहना है कि बुधवार शाम को पलानीसामी और कार्यवाहक मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने राज्यपाल से मुलाकात की, जिसके बाद संख्या बल के आधार पर पलानीसामी का दावा स्वीकार कर लिया गया।
एक सूत्र ने जानकारी दी है, ‘पलानीसामी ने 124 विधायकों के समर्थन की सूची राज्यपाल को सौंपी है, जबकि पन्नीरसेल्वम ने दावा किया है कि उनके पास 8 विधायकों का समर्थन हैं। राज्यपाल के पास फिलहाल पलानीसामी को आमंत्रित करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था।’ सूत्र के अनुसार, राज्यपाल ने उन सभी पहुलुओं पर विचार किया है जिनमें कहा जा रहा था कि कई विधायकों को रिजॉर्ट में कैद करके रखा गया है।
इससे पहले बुधवार साम को 7.30 बजे पलानीसामी ने तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव से मुलाकात कर उनसे आग्रह किया कि उन्हें सरकार बनाते का न्यौता दिया जाए। राज्यपाल से मुलाकात के बाद शशिकला के समर्थक डी. जयकुमार ने बताया ‘उन्होंने राज्यपाल से पलानीसामी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करने की गुजारिश की है। हमें उम्मीद है कि राज्यपाल हमें जल्दी ही सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करेंगे।’
उधर, जेल जाने से पहले शशिकला ने अपने उन रिश्तेदारों को फिर से पार्टी में शामिल कर लिया जिन्हें जयललिता ने पार्टी से निकाल दिया था। शशिकला ने अपने भतीजे और पूर्व राज्यसभा सदस्य दिनाकरण को अन्नाद्रमुक का उप महासचिव नियुक्त किया है।
दिनाकरण की नियुक्ति के बाद अन्नाद्रमुक के वरिष्ठ नेता वी. करप्पासामी पांडियन ने पार्टी के संगठन सचिव पद से इस्तीफा दे दिया। नाराज पांडियन ने जयललिता द्वारा निष्कासित लोगों को फिर से शामिल करने के शशिकला के अधिकार पर सवाल उठाया और कहा कि क्या अन्नाद्रमुक शशिकला की पारिवारिक संपत्ति है।