नाइजीरिया से जान बचाकर अवैध तरीके से इटली पहुंचने वाली 80 फीसदी महिलाओं के इटली और यूरोप में देह व्यापार में धकेले जाने का गंभीर खतरा है। संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी कार्यालय (आईओएम) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि नाइजीरिया से इन महिलाओं को लीबिया के रास्ते नौका से इटली लाया जाता है लेकिन अब स्थिति भयानक हो रही है।
महिलाओं को अवैध तरीके से इटली भेजने वाले तस्कर ही इन महिलाओं को शरणार्थी शिविरों में भेजते हैं, और फिर ये तस्कर वहीं से उन्हें उठाकर यूरोप में देह व्यापार में जबरदस्ती धकेल देते हैं। आईओएम में तस्करी निरोधक विशेषज्ञ सिमोना मोस्कारेली के मुताबिक इटली आने वाली महिलाओं की संख्या में पिछले 10 वर्षों में जबरदस्त इजाफा हुआ है और विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकतर महिलाओं को यौन शोषण के इरादे से ही यहां लाया जाता है।
नाइजीरिया और इटली के बीच देह व्यापार का यह उद्योग यूं तो तीन दशक से चल रहा है लेकिन हाल के दिनों में अपराधी गुटों और तस्करी का नेटवर्क फैलाने वालों की संख्या बढ़ी है। सिमोना के अनुसार नाइजीरियाई महिलाओं को स्वागत केन्द्रों में ठहराने की नीति का ही तस्कर फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन केद्रों में हजारों की संख्या में शरणार्थी रहते हैं ऐसे में उचित कायदे कानून नहीं होने का फायदा तस्कर उठाते हैं और महिलाओं और बच्चियों को अगवा कर लेते हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले सप्ताह ही सिसली के एक रिसेप्शन सेंटर से छह लड़कियां गायब हो गई थी, उन्हें चलती गाड़ी में खींच लिया गया था। उन्होंने कहा कि इटली आने वाली महिलाओं को विशेष आश्रय स्थलों में रखे जाने की आवश्यकता है क्योंकि कई बार ये महिलाएं यात्रा के दौरान ही यौन शोषण की शिकार हो चुकी होती हैं। आईओएम के मुताबिक इस वर्ष के पहले छह महीनों में 3600 नाइजीरियाई महिलाएं इटली पहुंची हैं जिनमें से 80 प्रतिशत महिलाओं के इटली और यूरोप में देह व्यापार में धकेले जाने का खतरा है।
पिछले वर्ष की इस अवधि में यहां आने वाली शरणार्थी महिलाओं की संख्या आधी थी। इटली में 2014 में सबसे पहले इस तरह के मामलों की जांच करने वाली सिसली के एग्रीगेंटों की प्रॉसिक्यूटर सेल्वाटसोर वेला ने बताया कि रिसेप्शन केन्द्रों को पिकअप प्वाइंट््स के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
ये महिलाएं जब नाइजीरिया से चलती हैं तो इन्हें एक फोन नंबर दिया जाता है जिसमें उन्हें इटली पहुंचकर फोन करके अपने आने की सूचना देनी होती है। इसके बाद तस्कर या इनके गिरोह से जुडे लोग केन्द्रों में पहुंच कर इन महिलाओं और बच्चियों को उठा ले जाते हैं। इसके बाद इनके साथ व्यापार की किसी वस्तु कर तरह व्यवहार किया जाता है। यहां तक की इन्हें दास भी बनाया जाता है। [एजेंसी]