नई दिल्ली- विदेश राज्य मंत्री व पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीके सिंह ने वन रैंक वन पेंशन को लेकर पूर्व सैनिक की आत्महत्या पर बयान देकर एक और विवाद पैदा कर दिया है। बता दें कि सिंह ने बुधवार को रिटायर्ड सैनिक रामकिशन ग्रेवाल की ‘मानसिक स्थिति’ पर सवाल उठाए थे।
गुरुवार को उन्होंने कहा कि ग्रेवाल असल में एक कांग्रेस कार्यकर्ता थे, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सरपंच का चुनाव भी लड़ा था। आत्महत्या को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए वीके सिंह ने कहा कि ग्रेवाल का मामला बैंक के साथ था, OROP से नहीं।
मंत्री ने ग्रेवाल को आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने का इशारा करते हुए पूछा कि ”और, किस तरह उसे सल्फास की टेबलेट्स मिलीं और किसने उसे वह दीं?” बुधवार को सिंह ने पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने की हठ लगाए राहुल गांधी पर टिप्पणी करते हुए कहा था, ”OROP को राजनीति से दूर रखना चाहिए, यह अच्छा रहेगा। राहुल गांधी को इस मुद्दे को राजनीतिक रंग नहीं देना चाहिए। सुसाइड के पीछे OROP को वजह बताया जा रहा है, जबकि यह पता नहीं कि उसकी (ग्रेवाल) मानसिक स्थिति क्या थी। इसकी जांच होनी चाहिए।”
पूर्व पुलिस कमिश्नर से भाजपा सांसद बने सत्यपाल सिंह ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली पुलिस ने पूर्व सैनिक की आत्महत्या के बाद हुए विरोध-प्रदर्शनों को गलत तरीके से संभाला। उन्होंने कहा, ”मुझे लगता है दिल्ली पुलिस हालात को बेहतर तरीके से संभाल सकती थी, उन्होंने पूरी तरह इसमें चूक की है।” उन्होंने आगे कहा, ”विपक्षी पार्टियों को पीड़ित या सेना से कोई लेना-देना नहीं है। यही लोग सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सेना पर सवाल उठा रहे थे और वे सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाना चाहते हैं।” सत्यपाल ने कहा कि पूर्व सैनिक के परिवार से मिलने में कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा, ”पूर्व सैनिक के परिवार से किसी को मिलने देने में कोई खतरा नहीं है लेकिन दिल्ली पुलिस को बेहतर प्रबंधन करना चाहिए था।”
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बुधवार को दिल्ली पुलिस द्वारा कई घंटों के लिए हिरासत में ले लिए गए थे। गांधी को दो बार हिरासत में लेने के बाद देर रात छोड़ा गया। [एजेंसी]