पंजाब के बरनाला जिले में सामाजिक एकता की मिसाल कायम की जा रही है। दरअसल, मूम गांव में स्थानीय ब्राह्मणों ने मस्जिद बनाने के लिए जमीन दान की है। यही नहीं, सिख समुदाय के लोगों ने निर्माण कार्य के लिए चंदा इकट्ठा किया है। मस्जिद बनाने के लिए दो अन्य समुदायों के लोग भी मदद कर रहे हैं।
लुधियाना जिले से सटे हुए गांव में मस्जिद के निर्माण की निगरानी कर रहे जसवीर खान के भाई नजीम खान (40) कहते हैं, ‘हम गांव में अब तक दो कमरों वाली बाबा मोमिन शाह की दरगाह में प्रार्थना करते थे।
पंडित बिरादरी के लोगों ने जमीन दान की, जिसके बाद हमने निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। उन्होंने सिर्फ हमें जमीन नहीं दी बल्कि वे निर्माण कार्य में भी हमारा सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने हमारे लिए चंदा भी जुटाया है।’
सिख समुदाय के लोगों ने भी की मदद
नजीम बताते हैं, ‘जिस तरह से गांव वाले और हमारे सिख भाई मस्जिद निर्माण के लिए चंदे की व्यवस्था कर रहे हैं। ऐसे में लगता है कि अगले कुछ महीनों में निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा।’
एक गांव में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा भी
निर्माण कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे और आयुर्वेद के व्यवसाय से जुड़े पंडित पुरुषोत्तम लाल कहते हैं कि मंदिर निर्माण के लिए दान करके हमारे वर्ग ने अपना फर्ज निभाया है। पुरुषोत्तम बताते हैं, ‘हम गांव में एक शिव मंदिर बना रहे हैं और हमारे गांव में गुरुद्वारा भी है। इस वजह से हमारा ख्वाब था कि गांव में एक मस्जिद भी बनाई जाए।
हमारा मानना है कि सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान होना चाहिए। यही नहीं, एक पंजाबी होने के नाते हमें बचपन से ही सभी के सम्मान की शिक्षा मिली है। धर्मनिरपेक्ष होने पर हमें गर्व है।’
‘सामाजिक एकता की मिसाल है यह गांव’
इस गांव में सिख समुदाय के तकरीबन 4 हजार लोग रहते हैं जबकि मुस्लिम और हिंदुओं की संख्या करीब 400 है। गांव के सरपंच मनजीत कौर कहते हैं कि हमारा गांव सामाजिक एकता की एक मिसाल है।