दुनिया के कई देश भारतवर्ष को विश्व की उभरती हुई आर्थिक महाशक्ति के रूप में आंकते हैं तो कई देशों की नज़रों में भारतवर्ष विश्व का एक सबसे बड़ा बाज़ार है। कई देश इसे शक्तिशाली देश के रूप में देखते हैं तो कई इसे धर्म व अध्यात्म के केंद्र के रूप में भी जानते हैं। परंतु जब हम अपने देश की कुछ अफसोसनाक सच्चाईयों पर नज़र डालते हैं तो ऐसा प्रतीत होता है गोया समाज में अपनी प्रतिष्ठा बनाए बैठे कुछ ढोंगी लोग देश की इस प्रतिष्ठा व मान-सम्मान को पूरी तरह धूल-धूसरित करने पर तुले हुए हैं।
पिछले लगभग एक दशक से देश के किसी न किसी क्षेत्र से बलात्कार अथवा यौन शोषण संबंधी कोई न कोई ऐसा समाचार सुनने को मिलते रहे हैं जो हमारे देश की मान-मर्यादा को मिट्टी में मिलाते नज़र आते हैं । गत् कुछ वर्षों में बलात्कार संबंधी कुछ ऐसे हादसे इस देश में हुए जिन्होंने केवल देश ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के मीडिया का ध्यान भारत की ओर खींचा। यहां तक कि कई देशों के दूतावासों ने इस संबंध में अपने पर्यट्कों को भी सचेत रहने की चेतावनी जारी की।
महिलाओं व युवतियों का शारीरिक शोषण व बलात्कार की घटनाओं में यदि साधारण लोग शामिल हों तो यह विषय लोगों का ध्यान अपनी ओर उतना अधिक आकर्षित नहीं करता। परंतु यही दुष्कर्म यदि भगवाधारी अथवा किसी साधूवेशधारी ऐसे व्यक्ति के द्वारा अंजाम दिया जाए जो दूसरों को धर्म,अध्यात्म तथा सद्मार्ग पर चलने का पाठ पढ़ाता हो तो निश्चित रूप से इससे न केवल मानवता शर्मसार होती है बल्कि धर्म भी कलंकित होता है। परंतु वास्तविकता यही है कि गत् एक दशक के भीतर हमारे देश में साधू का चोला पहने व भगवाधारियों द्वारा अंजाम दिए जाने वाले बलात्कार,सेक्स रैकेट तथा महिलाओं के शारीरिक शोषण व देह व्यापार अथवा इसी की आड़ में धन ऐंठने व ब्लैकमेलिंग करने के जितने मामले प्रकाश में आए उतने पहले कभी नहीं सुने गए।
यौन शोषण व इसके माध्यम से ब्लैकमेलिंग करने के आरोप में रमाशंकर तिवारी उर्फ परमानंद बाबा नामक एक भगवाधारी को पिछले दिनों चित्रकूट से गिर$फ्तार किया गया है। बाराबंकी जि़ले के देवा कोतवाली क्षेत्र में मां काली हरई धाम के नाम से यह ढोंगी संत अपना आश्रम संचालित करता था। यह अपने प्रभावी व आकर्षक व्यक्तित्व व मधुर वाणी के माध्यम से क्षेत्र में अपना अच्छा-खासा प्रभाव रखता था। इसके भक्तों में क्षेत्र के संपन्न व रसूखदार लोगों से लेकर पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी भी शामिल थे।
यह शातिर ढोंगी संत अपने आश्रम में चारों ओर सीसीटीवा कैमरे लगाए हुए था और यह कैमरे गुप्त रूप से इसके बैडरूम में भी लगे हुए थे। यह नि:संतान महिलाओं को संतान दिए जाने का झांसा भी देता था। इसी झांसे में आकर अनेक नि:संतान महिलाएं इससे आशीर्वाद हासिल करना चाहतीं। इसी बहाने यह मौका पाकर ऐसी महिलाओं को अपने आश्रम स्थित बेडरूम में ले जाता वहां उनके साथ दुष्कर्म करता,उनकी वीडियो क्लिप बनाता और बाद में इन्हीं महिलाओं से बार-बार डरा-धमका कर बलात्कार किया करता। और इन महिलाओं में जो संपन्न परिवार की महिलाएं होतीं उनसे इन्हीं वीडियो क्लिपिंग का भय दिखाकर इनसे मोटी रकम ऐंठता।
अपराधी प्रवृति के इस कलंकी संत पर हालंकि देवा कोतवाली में 9 आपराधिक मामले दर्ज हैं। और कुछ दिन पूर्व इस ढोंगी बाबा का एक अश्लील एमएमएस भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है। परंतु इसकी असली पोल-पट्टी उस समय खुली जब इसका कंप्यूटर खराब हो गया और उसने अपने इस खराब कंप्यूटर को ठीक कराने हेतु कंप्यूटर रिपेयर की दुकान पर भेजा। जब कंप्यूटर मेकैनिक ने उस हार्ड डिस्क में यौन शोषण तथा बलात्कार से भरी बाबा की दर्जनों अंतरंग वीडियो देखीं तो वह हैरान हो गया।
खबरों के अनुसार इस भगवाधारी परमानंद बाबा नामक अपराधी ने अब तक सौ से अधिक महिलाओं का यौन शोषण किया है और दर्जनों औरतों से इसी की आड़ में धन वसूली करता रहा है। अपनी पोल खुलने के बाद यह व्यक्ति रातों-रात अपने आश्रम से फरार हो गया था। जिसे गत् दिनों चित्रकूट से गिरफ्तार कर लिया गया। क्षेत्र के लोग आरोप तो यह भी लगा रहे हैं कि इस दुष्कर्मी बाबा के संबंध कुछ पुलिस अधिकारियों के साथ भी थे। शायद यही कारण था कि देवा कोतवाली में 9 अलग-अलग अपराधों के संबंध में इसके विरुद्ध मामले दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने कभी भी इस ढोंगी को संदेह की नज़रों से देखने की कोशिश ही नहीं की। और यदि कोई पुलिसकर्मी इसके विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई करने की योजना बनाता या ऐसी कोशिश करता तो अपने रसू$ख से यह ढोंगी बाबा उसका देवा कोतवाली से अन्यत्र स्थानांतरण करवा देता।
अब यहां यह दोहराने की ज़रूरत नहीं कि गत् एक दशक में हमारे देश में किन-किन तथा कथित साधू-संतों, महात्माओं, धर्माधिकारियों, आश्रम संचालकों, प्रवचनकर्ताओं तथा धर्म के स्वयंभू ठेकेदारों के नाम इसी प्रकार के बलात्कार, महिला उत्पीडऩ, देहशोषण, ब्लैकमेलिंग तथा देह व्यापार के रैकेट चलाने के संबंध में अब तक उजागर हो चुके हैं? आसाराम नाम का एक ऐसा ढोंगी संत जोकि देश के सबसे प्रतिष्ठित व सम्मानित संतों में गिना जाता था यहां तक कि जिसे उसके अनुयायी व शिष्य भगवान का दर्जा तक देते थे और अपने घरों में मंदिरों में उसके चित्र लगाकर उसकी आरती व आराधना किया करते थे वह अपने पुत्र नारायण साईं के साथ अपने भक्तों की बेटियों का देह शोषण किया करता था। यहां यह कहने की ज़रूरत नहीं कि एक गुरु का दर्जा किसी शिष्य की नज़र में पिता से भी बढक़र भगवान जैसा होता है। और यदि वही भगवान रूपी गुरु ही अपने भक्तों की बेटियों पर वासना भरी नज़र डाले और उसे अपनी हवस का शिकार बनाने लग जाए तो कलयुग की इससे बड़ी घटना और क्या हो सकती है? परंतु यह घटनाएं हमारे देश में होने वाले हादसों में एक ऐसी कड़वी सच्चाई के समान हैं जिनसे देश व धर्म दोनों ही कलंकित हो रहे हैं।
इन घटनाओं से जुड़ा एक दूसरा खतरनाक पहलू यह भी है कि जब कभी ऐसे मक्कार साधूवेशधारी ढोंगियों की करतूतें किसी न किसी तरी$के से उजागर हो जाती हैं तो समाज के कुछ लोग इनके पक्षकार बनकर भी खड़े हो जाते हैं। वे इनके पक्ष में ऐसे कुतर्क देने लगते हैं जो न केवल इनके बल्कि इन जैसे दूसरे दुष्कर्मी लोगों के लिए भी उर्जा का काम करते हैं। उदाहरण के तौर पर जबसे आसाराम जेल की सलाखों के पीछे है उसी समय से उसके कुछ समर्थक तथा आसाराम से मोटा धन ऐंठने में लगे कुछ शातिर नेता यह कहकर आसाराम की काली करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश कर रहे हैं कि उसपर लगे सारे आरोप फ़र्ज़ी है तथा यह सब हिंदू धर्म तथा हिंदू धर्मगुरुओं को बदनाम करने की साजि़श के तहत लगाए जाने वाले आरोप हैं।
जबकि वास्तव में इसी ढोंगी संत के कई समर्थक अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं और नित्य नई-नई बातें प्रकाश में आ रही हैं। इस शातिर अपराधी ने किस प्रकार जेल में बैठकर अपने ऊपर लगे आरोपों के संबंध में शामिल गवाहों को मरवाने की चालें चलीं यहां तक कि किस प्रकार इसे गिरफ्तार करने वाली पुलिस अधिकारी तक को मारने की चाल चली गई। किस प्रकार 25 लाख रुपये इकठ्ठा कर गवाहों को मारने हेतु एके-47 जुटाई गई। इस प्रकार की और बहुत सारी बातें जोकि पूरी तरह से एक अपराधी व्यक्ति या अपराध जगत से जुड़ी हुई बातें नज़र आती हैं !
परंतु इन सभी बातों पर यह कहकर पर्दा डालने की कोशिश करना कि यह हिंदू धर्मगुरुओं के विरुद्ध हो रही साजि़श का हिस्सा है, ऐसी बातें हमारे देश की कानून व्यवस्था तथा यहां की न्यायिक प्रणाली के लिए एक बड़ा खतरा साबित हो सकती हैं। इतना ही नहीं बल्कि इससे बलात्कार के शिकार पीडि़त परिवार तथा जिन गवाहों की हत्याएं हुई हैं उनके परिजन भी न्याय पाने से वंचित रह सकते हैं।
और इसी संदर्भ में देश के समस्त भक्तजनों तथा खासतौर पर उनके परिवार की उन महिला सदस्यों को भी गहन चिंतन करने की ज़रूरत है जो आंखें मूंदकर मात्र पुण्य कमाने की खातिर किसी भी सत्संग,धार्मिक समागम,किसी मठ अथवा आश्रम में चली जाती हैं। और प्रत्येक साधूवेशधारी लोगों पर विश्वास कर उनसे आशीर्वाद मांगने लगती हैं। सही मायने में ऐसे ढोंगी साधूवेशधारियों की हौसला अफज़ाई करने तथा इनका दिमाग आसमान तक ले जाने की वास्तविक जि़म्मेदार तो हमारे देश की सीधी-सादी महिलाएं ही हैं जो इन ढोंगियों के दर्शन तथा इनके आशीर्वाद में ही अपने जीवन को सफल व कल्याणकारी समझ बैठती हैं। लिहाज़ा खासतौर पर महिलाओं को चाहिए कि वे धर्म का केंचुल लपेटे वासना के इन भूखे भेडिय़ों से स्वयं भी होशियार रहें तथा अपने बच्चों को भी इनसे सुरक्षित रखें। हमारे धर्म पुराणों से संबंधित भगवान व देवी-देवता तथा हमारे धर्मग्रंथ ही हमें सद्मार्ग दिखाने हेतु तथा हमारे पुुण्य कमाने हेतु पर्याप्त हैं।
निर्मल रानी
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