16.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

शहर की चिंता में काज़ी जी का दुबला होना

tennis-player-sania-mirza-panty-picअपनी चिंता छोड़ पड़ोसी के विषय में ‘सामान्य ज्ञान’ हासिल करना, दूसरों के चरित्र या उसके कार्यकलापों की जानकारी रखना अथवा किसी की पोशाक अथवा खान-पान जैसी अति व्यक्तिगत् बातों तक पर अपनी नज़रें रखना गोया हमारे समाज की ‘विशेषताओं’ में शामिल हो चुका है। समाज का यही स्वभाव जब व्यापक रूप धारण करता है तो यही ताक-झांक कभी लिंग-भेद के आधार पर होने वाली पक्षपातपूर्ण सोच के रूप में परिवर्तित होती नज़र आती है तो कभी यही सोच धर्म व जाति के आधार पर अपना फैसला सुनाने पर आमादा हो जाती है।

बड़े अफसोस की बात है कि आज पुरुष प्रधान समाज का रूढ़ीवादी व संकुचित सोच रखने वाला एक वर्ग यह तय करने लगा है कि कौन क्या पहने,कौन क्या खाए,कौन किससे मिले,कौन किससे शादी-विवाह करे और कौन अपने बच्चों का नाम क्या रखे और क्या न रखे। स्वयं को बुद्धिजीवी तथा सर्वश्रेष्ठ प्राणी होने का दावा करने वाले इसी पुरुष समाज के एक विशेष वर्ग द्वारा मानवाधिकारों का शत-प्रतिशत हनन करने वाले ऐसे सवाल कभी उठाए जाएंगे और वह भी आज के उस आधुनिक युग में जबकि इंसान चांद और मंगल जैसे ग्रहों की अविश्सनीय सी लगने वाली यात्रा की ओर अपने कदम बढ़ा चुका है, इस बात की तो कभी कल्पना भी नहीं की जा सकती थी। परंतु दुर्भाग्यवश आज यही हमारे समाज की एक कड़वी सच्चाई है।

mohammed-shamis-wife-hasin-jahan-photo-on-facebookहमारे देश में इस विषय पर बहुत गर्मागर्म बहस कई बार छिड़ चुकी है कि महिलाएं किन-किन मंदिरों व दरगाहों में जाएं और किस सीमा तक जाएं और कहां तक नहीं। इस विषय पर महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर संघर्ष किया गया,अदालतों का दरवाज़ा खटखटाया गया। नतीजतन अदालत ने इस मामले में हस्तक्षेप कर महिलाओं के पक्ष में अपना फैसला सुनाया।

ज़रा इस घटनाक्रम के दूसरे पहलू पर भी नज़र डालने की कोशिश करिए। हमारे देश में लाखों ज़रूरी मुकद्दमे सिर्फ इसलिए अदालतों में लंबित पड़े हुए हैं क्योंकि वहां न्यायधीशों की संख्या में भारी कमी है। परंतु दूसरी ओर ऐसे मुद्दे जिनका न्यायालय से ही नहीं बल्कि पूरे समाज से भी कोई लेना-देना न हो वे भी अदालतों में पहुंचकर अदालतों का कीमती समय खराब करते हैं। उधर देश का मीडिया भी ऐसी $खबरों में चटपटा व मसालेदार तडक़ा लगाकर अपनी टीआरपी की खातिर इसे बार-बार कभी खबरों में तो कभी ऐसे विषयों पर विशेष कार्यक्रम प्रसारित कर परोसता रहता है। ऐसा लगता है कि मीडिया की नज़रों में उस समय का देश का सबसे ज्वलंत मुद्दा ही यही हो?

बहरहाल विभिन्न अदालतों ने शनि शिंगणापुर व हाजी अली जैसे धर्मस्थलों में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक हटा दी। परंतु पुरुष प्रधान समाज के स्वयंभू ठेकेदारों की आंखें इस अदालती आदेश के बावजूद अभी तक नहीं खुल सकीं।

अब ताज़ातरीन विवाद जो हमारे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है वह यह है कि भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ी मोहम्मद समी ने सोशल मीडिया पर अपने एकाऊंट में एक ऐसी पारिवारिक $फोटो क्यों शेयर की जिसमें मोहम्मद समी की पत्नी के बाज़ू खुले नज़र आ रहे हैं। ज़रा सोचिए कि ऐसी फोटो जो मोहम्मद समी स्वयं अपनी इच्छा व अपनी पसंद से सोशल मीडिया पर सांझी कर रहा हो उस फोटो पर दूसरों का आपत्ति करना कितना हास्यास्पद व शर्मनाक है? जिस देश में दशकों से बिना बाज़ू (स्लीवलेस)कपड़े पहनने का चलन फैशन में हो वहां के दकियानूसी एवं बीमार मानसिकता के लोग मोहम्मद समी या दूसरों को यह कहते फिरें कि आप अपने घर की महिलाओं को ऐसे कपड़े मत पहनाओ? इसी मानसिकता के लोगों ने सानिया मिर्ज़ा की टेनिस पोशक पर भी सवाल उठाया था।

बड़ा अफसोस है कि इस प्रकार का प्रश्र खड़ा करने वाले अक्ल के अंधों की नज़र ऐसे लोगों की प्रतिभा पर नहीं जाती बल्कि उन्हें इनके बाज़ू व जांघें दिखाई देती हैं। अब सीधा सा सवाल यह है कि कुसूरवार उन महिलाओं की बाज़ुएं या जांघें हैं या फिर समाज के नुक्ताचीनी करने वाले इन स्वयंभू ठेकेदारों की बुरी नज़रं? ज़ाहिर है अपनी गंदी नज़रों व प्रदूषित सोच पर नियंत्रण रखना स्वयं इन्हीं का काम है।

kareena-baby-temurअभी कुछ दिन पूर्व सैफ-करीना के घर बच्चे ने जन्म लिया। परिवार ने नवजात शिशु का नाम तैमूर अली खां पटौदी रखा। यहां भी लोगों को एतराज़ होने लगा कि इस परिवार ने अपने बेटे का नाम तैमूर क्यों रख दिया। तमाम जि़म्मेदार मीडिया घराने के लोग तैमूर लंग का इतिहास खंगालने लगे। इसे प्रकाशित भी किया जाने लगा। गोया देश व जनता का समय इसमें भी बरबाद होता रहा।

तैमूर का नामकरण तैमूर बादशाह के पिता ने भी किसी दूसरे तैमूर शब्द के नाम पर ही किया होगा? यदि सैफ-करीना अपने बेटे का नाम तैमूर रखते हैं तो किसी की सोच की सुई तैमूर बादशाह या उसकी क्रूरता पर जाकर अटक जाए तो इसमें किसी का क्या दोष? आज लोग अपने बच्चों का नाम सद्दाम,ओसामा,बााबर या औरेंगज़ेब रखें तो यह उनके अपने अधिकार हैं और उनकी अपनी सोच। देश में हज़ारों उदाहरण ऐसे मिल सकते हैं कि उन्होंने अपने बच्चों के नाम तो देवी-देवताओं या महापुरुषों के नाम पर रखे परंतु बड़े होकर उन बच्चों ने ऐसे कुकर्म किए कि उनके नामों को बदनामी के सिवा कुछ हासिल नहीं हुआ। लिहाज़ा सैफ-करीना के बच्चे के नामकरण पर बवेला खड़ा करना भी पूरी तरह अनैतिक तथा दूसरे के निजी मामलों में दखलअंदाज़ी के सिवा और कुछ नहीं।

लिहाज़ा हमारे समाज के तंग नज़र व संकुचित सोच रखने वाले लोगों को अपने सोच-विचार व नज़रों पर नियंत्रण रखना चाहिए। धर्म-जाति या लिंग भेद के आधार पर किसी वर्ग विशेष पर निरर्थक विषयों को लेकर आक्रमण कर देना हमारे देश के विकासशील समाज के लक्षण कतई नहीं हैं। इस प्रकार के विषय जब राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मीडिया में प्रमुख स्थान बनाते हैं उस समय देश का बुद्धिजीवी वर्ग ऐसे विषयों को उछालने व हवा देने वाले समाज पर हंसता है तथा उनकी मंदबुद्धि पर अफसोस करता है। हमारे ताक-झांक करने में व्यस्त रहने वाले ऐसे समाज को चाहिए कि वह किसी दूसरे के घर-परिवार में वहां की पोशाक-खानपान व नामकरण जैसे विषयों में दखल अंदाज़ी करने या उसपर स्वयं फैसला सुनाने से बाज़ आए।

बड़े आश्चर्य की बात है कि पिछले दिनों रियो में हुए ओलंपिक खेलों में जिस महिला समाज की लड़कियों ने भारत के लिए पदक जीतकर देश की नाक बचाई हो उसी महिला समाज पर हमारे देश का अंधबुद्धि समाज यह कहकर उंगली उठाए कि उसकी बाज़ू नंगी है या उसकी टांगें नज़र आ रही हैं?

ऐसा प्रतीत होता है कि आलोचना की आड़ में प्रसिद्धि कमाने की जुगत में लगे रहने वाले यह लोग भी मौ$का देखकर अपनी ज़हरीली आवाज़ बुलंद करते हैं। क्योंकि पीवी सिंधु,साक्षाी मलिक और दीपा करमारकर जैसी होनहार लड़कियां जब भारत के लिए पद जीतकर लाईं उस समय इन सभी खिलाडिय़ों की पोशाकें वही थीं जो उनके खेलों के लिए खेल नियम के अनुसार निर्धारित की गई थीं।

परंतु चूंकि इनकी विजय का जश्र भारत में इतना ज़बरदस्त तरीके से मनाया जा रहा था कि पूरा देश इनके समर्थन में खड़ा था। उस समय नुक्ताचीनी करने वाले पुरुष प्रधान समाज के इन स्वयंभू ठकेदारों ने मौका व मसलेहत को भांपते हुए अपने मुंह नहीं खोले अन्यथा उस समय भी यह ज़हर उगल सकते थे। अत: इन स्वयंभू काजि़यों को शहर की चिंता में दुबले होने की ज़रूरत कतई नहीं है।

Nirmal Raniनिर्मल रानी
1618/11, महावीर नगर,
अम्बाला शहर,हरियाणा।
फोन-09729-229728




Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...