13.1 C
Indore
Friday, November 22, 2024

मोदी सरकार के दो साल – जनता मंहगाई से बदहाल

modi governmentकेंद्र की मोदी सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए आम बजट का प्रभाव एक जून से विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ी मंहगाई के रूप में पडऩा शुरु हो गया है। रेल टिकट,माल ढुलाई,होटल,हेल्थ पॉलिसी,मकान खरीदना, देखना, हवाई यात्रा, कैटरिंग, पंडाल, इवेंट,मोबाईल फोन जैसी अन्य कई सेवाएं तथा वस्तुएं अब पहले से अधिक मंहगी हो चुकी हैं।

स्वास्थय सेवाएं,बीमा, पार्लर तथा बाहर पिकनिक मनाना,खाना-पीना व घूमना-फिरना सबकुछ इस मंहगाई से प्रभावित हो चुका है। सोने पर सुहागा तो यह कि 1 जून की सुबह पैट्रोल तथा डीज़ल की कीमतों में भी हुई बढ़ोतरी के समाचार के साथ शुरु हुई। पैट्रोल में दो रुपये अठावन पैसे की वृद्धि हो गई है जबकि डीज़ल में दो रुपये छब्बीस पैसे की दर से वृद्धि हुई है। एक महीने में यह दूसरी बार पैट्रोल व डीज़ल के मूल्य बढ़ाए गए हैं। इंडियन ऑयल कारपोरेशन ने इस बढ़ोत्तरी पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए फिर वही चिरपरिचित बयान जारी किया है। आईओसी ने कहा है कि पैट्रोलियम पदार्थों की अंतर्राष्ट्रीय कीमत और रुपये-डॉलर के एक्सचेंज रेट की वजह से पैट्रोल और डीज़ल की कीमतें भी बढ़ गई है जिसका बोझ ग्राहकों को भी उठाना होगा। आईओसी के अनुसार भविष्य में भी इन दो कारणों से भारत में पैट्रोल व डीज़ल की कीमतें निर्धारित होंगी।

बाज़ार में बिकने वाली जनता के रोज़मर्रा के इस्तेमाल की चीज़ें $खासतौर पर खाद्य पदार्थ,तेल,घी,दाल, सब्ज़ी व फलों की कीमतें किस कद्र बढ़ती जा रही हैं इसका न तो कोई अंदाज़ा है और न ही इनकी कीमतें नियंत्रित होती दिखाई दे रही हैं। कई दालें तो ऐसी हैं जो दौ सौ रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास की दर से बाज़ार में बिक रही हैं। दूध की कीमत 50 रुपये प्रति लीटर के भाव तक पहुंच गई है। सेब तथा अंगूर जैसे फल 120 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर उपलब्ध हैं जबकि पपीता जैसा सबसे सस्ता समझा जाने वाला और गरीबों द्वारा आसानी से खरीदा जाने वाला फल 50 रुपये से लेकर 70 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है।

इसी प्रकार मौसमी फल आम 60 से लेकर 100 रुपये किलो तक बिक रहा है। गोया देश की जनता गत् दो वर्षों से मोदी सरकार द्वारा 2014 में भाजपा द्वारा दिए गए उस नारे को अमली जामा पहनते हुए देखने का इंतज़ार कर रही है जिसमें कहा गया था कि- ‘बहुत हुई मंहगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार’। बड़े आश्चर्य की बात है कि पूरे देश में घूम-घूम कर पिछली सरकार को इन्हीं हालात के लिए दोषी ठहराया जा रहा था कि यूपीए सरकार में मंहगाई आसमान छू रही है और डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य गिरता जा रहा है। मोदी सरकार आते ही देश में मंहगाई पर नियंत्रण किया जाएगा और रुपये की कीमत में वृद्धि होगी।

परंतु अब जबकि इस सरकार के सत्ता में आने के दो वर्ष बीत चुके हैं और मंहगाई कम होने के बजाए दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है। डॉलर के मुकाबले रुपये का मूल्य भी इस सरकार में कई बार नीचे आ चुका है। ऐसे में जनता निश्चित रूप से यह सोचने के लिए मजबूर है कि दो वर्ष पूर्व आज के इन्हीं सत्ताधारियों द्वारा देश की जनता से किए गए वादे क्या महज़ झूठे वादे ही थे? क्या यह सब सत्ता में आने की चाल थी?

आश्चर्य की बात तो यह है कि जनता के साथ मंहगाई $खत्म करने और रुपये का मूल्य डॉलर की तुलना में बढ़ाने जैसेा लोकलुभावना वादा करने और दो वर्षों तक उसे पूरा न कर पाने के बावजूद यही सरकार अपने दो वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक ऐसा राष्ट्रव्यापी जश्र मना रही है जैसा देश के इतिहास में पहले कभी देखने को नहीं मिला। सही मायने में वर्तमान सरकार न केवल घरेलू मामलात,कानून व्यवस्था से लेकर मंहगाई व बेरोज़गारी जैसे विषयों पर नाकाम रही है बल्कि पाकिस्तान,नेपाल तथा चीन जैसे पड़ोसी देशों के साथ संबंधों के मामलों में भी नाकाम दिखाई दे रही है। इसके बावजूद सरकार द्वारा अपनी दो साल की उपलिब्धयों का जश्र मनाया जाना और इसकी ज़बरदस्त मार्किटिंग पर सैकड़ों करोड़ रुपये खर्च कर देना और भी आश्चर्यजनक है।

एक ओर तो देश की जनता दाल,सब्ज़ी,घी-तेल व फलों जैसी रोज़मर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं की मंहगाई से बेहद दु:खी हो चुकी है तो दूसरी ओर सरकार के शुभचिंतक समझे जाने वाले कई नामी-गिरामी उद्योगपतियों द्वारा इन्हीं दैनिक उपयोगी वस्तुओं का बड़े पैमाने पर भंडारण किया जा रहा है। यानी कि किसानों व बागबानी करने वालों को भी इन बढ़ी कीमतों का लाभ नहीं मिल पा रहा है। केवल उद्योगपति व जमाखोर इस मंहगाई का कारण भी बन रहे हैं और स्वयं इससे लाभान्वित भी हो रहे हैं। परंतु सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। सरकार का पूरा ध्यान विभिन्न राज्यों के चुनावों में शतरंजी बिसात बिछाने में लगा हुआ है। सरकार के प्रवक्ता अथवा जि़म्मेदार मंत्री व नेता मंहगाई के विषय पर दो वर्ष पूर्व किए गए अपने वादों पर एक शब्द भी बोलने को तैयार नहीं हैं। और यदि कोई नेता या मंत्री मीडिया द्वारा इस विषय पर बोलने के लिए मजबूर भी किया जाता है तो वह मंहगाई व जमा$खोरी की सीधी जि़म्मेदारी राज्य सरकारों पर डालने की कोशिश करता है। फिर आखिर इनके द्वारा यूपीए सरकार में मनमोहन सिंह की सरकार ही मंहगाई व जमाखोरी के लिए जि़म्मेदार क्यों ठहराई जाती थी?

यहां केंद्र की विगत् यूपीए सरकार के कार्यकाल की एक और बात याद रखनी ज़रूरी है। जिस समय विश्व में भयंकर मंदी का दौर चला था और पूरी दुनिया में मंहगाई बढऩे लगी थी यहां तक कि अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश ने भारतीय लोगों को मंहगाई बढऩे का जि़म्मेदार ठहराते हुए हमें ‘पेटू’ होने की उपाधि से नवाज़ा था उस समय देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बिना किसी लाग लपेट के सीधे शब्दों में देश की जनता को आगाह किया था कि अब हमें मंहगाई के वर्तमान दौर में जीने की आदत डाल लेनी चाहिए।

परंतु 2014 के चुनाव में जनता को गुमराह कर केवल वोट लेेने की खातिर मंहगाई कम करने और देश की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने जैसे लोकलुभावने व झूठे वादे किए गए। आज की मंहगाई यदि यूपीए सरकार के समय में बढ़ी मंहगाई के स्तर तक भी होती तो भी जनता किसी हद तक सहन कर सकती थी। परंतु मोदी सरकार के कार्यकाल में कहां तो जनता मंहगाई घटने की प्रतीक्षा कर रही थी उल्टे दिन-दूनी रात चौगुनी के दर से दो वर्षों में मंहगाई और अधिक आसमान छूने लगी है। देश की जनता के साथ इससे बड़ा धोखा और अन्याय आखिर क्या हो सकता हे?

मंहगाई के मोर्चे पर बुरीतरह से फेल हो चुकी मोदी सरकार अपने दो वर्ष पूरे होने के जश्र में देश को यह बता रही है कि हमने जनता को मुफ्त में गैस कनेक्शन दिए हैं। यह वही मोदी सरकार है जिसके समर्थक दिल्ली में केजरीवाल सरकार के जीतने पर दिल्ली के लोगों को मुफ्तखोर बता रहे थे। और आज मुफ्त कनेक्शन बांटने पर स्वयं जश्र मना रहे हैं। दूसरा सवाल यह भी है कि गरीबों को मुफ्त में मिले इन चूल्हों पर आखिर गरीब आदमी अपने पतीले में चढ़ाएगा क्या? दो सौ रुपये किलो की दाल? सौ रुपये किलो की हरी मटर? यहां तक कि आलू व लौकी व तोरई तथा कद्दू जैसी सब्जि़यां जो सबसे सस्ती सब्जि़यों में गिनी जाती थी और पांच से लेकर दस रुपये किलो तक की $कीमत में उपलब्ध थीं यही सब्जि़यां आज बीस से लेकर चालीस रुपये किलो तक बाज़ार में बिक रही हैं।

इन हालात में सरकार द्वारा किस बात का जश्र मनाया जा रहा है यह समझ से परे है। देश की जनता की भावनाओं को भुनाने की गरज़ से मोदी सरकार द्वारा नमामि गंगे परियोजना के नाम से गंगा को स्वच्छ करने की घोषणा की गई थी। इसके लिए 25 हज़ार करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। जापान की कंपनियों को इस काम के लिए अनुबंधित किया गया था। अब ताज़ा समाचार यह है कि कुछ कारणों से जापान की यह कंपनियां पीछे हट गई हैं और इस मिशन को पूरा न करने के लिए भारत सरकार को ही दोषी ठहरा रही हैं। गोया 25 हज़ार करोड़ रुपये का बजट भी गंागा में बहता दिखाई दे रहा है। स्वच्छता अभियान मिशन की नाकामी का भी लगभग यही हाल है।

कुल मिलाकर देश की जनता मंहगाई से पूरी तरह बदहाल है। उसे मुफ्त के गैस कनेक्शन या भ्रष्टाचार मुक्त भारत से क्या हासिल जबकि वह अपनी मेहनत मज़दूरी की दिन भर की कमाई से शाम को अपने परिवार का पेट भरने हेतु ज़रूरी वस्तुएं न खरीद सके? ऐसे में जनता तो यही नारा लगाएगी कि मोदी सरकार के दो साल और जनता हुई मंहगाई से बदहाल।

Tanveer Jafriतनवीर जाफरी
1618, महावीर नगर,
मो: 098962-19228
अम्बाला शहर। हरियाणा

Related Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...

सीएम शिंदे को लिखा पत्र, धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कहा – अंधविश्वास फैलाने वाले व्यक्ति का राज्य में कोई स्थान नहीं

बागेश्वर धाम के कथावाचक पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का महाराष्ट्र में दो दिवसीय कथा वाचन कार्यक्रम आयोजित होना है, लेकिन इसके पहले ही उनके...

IND vs SL Live Streaming: भारत-श्रीलंका के बीच तीसरा टी20 आज

IND vs SL Live Streaming भारत और श्रीलंका के बीच आज तीन टी20 इंटरनेशनल मैचों की सीरीज का तीसरा व अंतिम मुकाबला खेला जाएगा।...

पिनाराई विजयन सरकार पर फूटा त्रिशूर कैथोलिक चर्च का गुस्सा, कहा- “नए केरल का सपना सिर्फ सपना रह जाएगा”

केरल के कैथोलिक चर्च त्रिशूर सूबा ने केरल सरकार को फटकार लगाते हुए कहा है कि उनके फैसले जनता के लिए सिर्फ मुश्कीलें खड़ी...

अभद्र टिप्पणी पर सिद्धारमैया की सफाई, कहा- ‘मेरा इरादा CM बोम्मई का अपमान करना नहीं था’

Karnataka News कर्नाटक में नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि सीएम मुझे तगारू (भेड़) और हुली (बाघ की तरह) कहते हैं...

Stay Connected

5,577FansLike
13,774,980FollowersFollow
136,000SubscribersSubscribe
- Advertisement -

Latest Articles

इंदौर में बसों हुई हाईजैक, हथियारबंद बदमाश शहर में घुमाते रहे बस, जानिए पूरा मामला

इंदौर: मध्यप्रदेश के सबसे साफ शहर इंदौर में बसों को हाईजैक करने का मामला सामने आया है। बदमाशों के पास हथियार भी थे जिनके...

पूर्व MLA के बेटे भाजपा नेता ने ज्वाइन की कांग्रेस, BJP पर लगाया यह आरोप

भोपाल : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले ग्वालियर में भाजपा को झटका लगा है। अशोकनगर जिले के मुंगावली के भाजपा नेता यादवेंद्र यादव...

वीडियो: गुजरात की तबलीगी जमात के चार लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत, 3 के शव बरामद, रेस्क्यू जारी

जानकारी के अनुसार गुजरात के पालनपुर से आए तबलीगी जमात के 11 लोगों में से 4 लोगों की डूबने से मौत हुई है।...

अदाणी मामले पर प्रदर्शन कर रहा विपक्ष,संसद परिसर में धरने पर बैठे राहुल-सोनिया

नई दिल्ली: संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण भी पहले की तरह धुलने की कगार पर है। एक तरफ सत्ता पक्ष राहुल गांधी...

शिंदे सरकार को झटका: बॉम्बे हाईकोर्ट ने ‘दखलअंदाजी’ बताकर खारिज किया फैसला

मुंबई :सहकारी बैंक में भर्ती पर शिंदे सरकार को कड़ी फटकार लगी है। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर पीठ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे...