खंडवा : सेवानिवृत्त उपयंत्री से अर्जित अवकाश और पेंशन प्रकरण के निपटारे के लिए 15 हजार की रिश्वत लेने वाला बाबू पकड़ा गया। रिश्वत में लिए रुपए जेब में रखते ही सफेद पेंट लाल हो गई। अधिकारियों ने बाबू की पेंट उतरवाई अौर हाथ धुलवाए।
कार्रवाई के दौरान वह सोने का नाटक भी करता रहा। लोकायुक्त पुलिस ने मामला दर्ज कर आरोपी बाबू को जमानत पर छोड़ दिया। जांच में दोषी पाए जाने पर बाबू पर निलंबन की गाज गिर सकती है।
ऊर्जा विभाग के विद्युत सुरक्षा शाखा में पदस्थ बाबू रवींद्रनाथ महाजन (42) को इंदौर लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार दोपहर 1.30 बजे 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया।उसने विभाग के उपयंत्री शैलेंद्र अग्रवाल (52) से पेंशन प्रकरण और अर्जित अवकाश के निपटारे के लिए रिश्वत की मांग की थी। उपयंत्री शैलेंद्र अग्रवाल ने 20 नवंबर 2014 को विभाग से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली थी। पेंशन और अर्जित अवकाश के लिए सुरक्षा विभाग में आवेदन दिया था। ट्रेजरी के लिए प्रकरण गया। वहां से फाइल जांच के लिए विद्युत सुरक्षा विभाग के बाबू रवींद्रनाथ महाजन के पास गई।
बाबू ने मामले के निपटारे के लिए रिश्वत में 15 हजार रुपए मांगे। उपयंत्री ने बाबू की शिकायत बुधवार को इंदौर लोकायुक्त पुलिस से की। इसके बाद लोकायुक्त पुलिस ने बाबू और सेवानिवृत्त उपयंत्री की मोबाइल से हुई बातचीत रिकार्ड की। जिसमें रुपए लेने की शिकायत सही निकली।लोकायुक्त पुलिस ने गुरुवार को उपयंत्री को रुपए लेकर बाबू के पास भेजा। जैसे ही उसने रुपए पेंट की जेब में रखे लोकायुक्त पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद लोकायुक्त की टीम रिश्वतखोर बाबू को सिविल लाइंस स्थित पीडब्ल्यूडी विश्रामगृह ले गई। यहां पर पूछताछ और सारे दस्तावेज जांचने के बाद पंचनामा बनाया।
लोकायुक्त पुलिस ने बाबू के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7, 13 (1) डी, 13 (2) पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई कर मामले को जांच में लिया। कार्रवाई के बाद उसे जमानत पर छोड़ दिया गया। लोकायुक्त की ओर से कार्रवाई निरीक्षक अनिल सिंह चौहान, युवराजसिंह, मो. रहीम, प्रमोद यादव, शेरसिंह ठाकुर, मोहन बिष्ट ने की।