रमजान के मुकद्दस महीने में रोजे रखने वालों को सेहत पर खास ध्यान देने की जरूरत है। डायबिटीज और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को चिकित्सक रोजे रखने से मना कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि गर्मी के मौसम में मरीजों को लगातार कुछ खाने और पानी की जरुरत पड़ती है। ऐसे में रोजे रखने से दिक्कत बढ़ेगी।
वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. अजय मोहन अग्रवाल का कहना है कि डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति को रोजे नहीं रखने चाहिए। शरीर में शुगर का स्तर बढ़ने और घटने से स्थिति गंभीर हो सकती है।
उन्होंने कहा कि डायबिटीज के मरीजों को बीच-बीच में कुछ न कुछ खाना पड़ता है, लेकिन रोजे के दौरान संभव नहीं हो पाता है। साथ ही दिल के मरीजों को भी काफी सावधान रहने की जरूरत है। उन्हें चिकनी और मसालेदार चीजों से दूर रहना चाहिए।
डायटीशियन रोजी जैदी का भी कहना है कि डायबिटीज और दिल के मरीज रमजान में खास ध्यान रखें। डायबिटीज के मरीज रोजा न रखें तो ही बेहतर।
गर्मी इतनी है कि थोड़ी-थोड़ी देर में गला सूख रहा है। पानी की कमी से डिहाइड्रेशन तक हो जाता है। डायटीशियन रोजी जैदी कहती हैं कि रोजे के दौरान ऐसी चीजों का सेवन करना चाहिए, जिससे शरीर में पानी की कमी न होने पाए। पानीदार फल और सब्जियों का सेवन अधिक करें। तला, भुना और मसालेदार पकवान कम खाएं।
उन्होंने कहा कि इफ्तारी के बाद एक साथ कुछ भी भारी भोजन न करें, बल्कि कुछ समय के अंतराल पर खाते-पीते रहें। ज्यादा नमक वाले खाने से दूर रहें, वरना प्यास ज्यादा लगेगी। कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पीएं। रोजे के दौरान भी प्रोटीन के लिए मांस, मछली व सब्जी का सेवन करें।
सहरी का खानपान : पानी, सूप, सलाद, ओट्स, ब्रेड, अंकुरित दालें, दूध, फलों का जूस, पोहा, फल, अंडा, हलवा।
इफ्तारी का खानपान : सलाद, चपाती, एक कटोरी दाल, फल, चावल, आलू, सब्जियों का सूप, अंडा, नॉनवेज (ज्यादा तला व मसालेदार न हो)।